नई दिल्ली: क्यूबा के पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो को नेहरू-गांधी परिवार और खासतौर से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ उनके भाई-बहन के रिश्ते के लिए हमेशा याद रखा जाएगा। कास्त्रो का शुक्रवार को निधन हो गया। (देश-विदेश की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें)
विज्ञान भवन में मार्च 1983 में सातवें गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन (नाम) के उद्घाटन के अवसर पर क्यूबाई प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे कास्त्रो ने कहा था कि हवाना में 1979 में संपन्न हुए सम्मेलन के मेजबान के तौर पर उन्हें अपनी 'बहन' इंदिरा गांधी को सम्मेलन का गेवल सौंपने में खुशी और गर्व का अनुभव हो रहा है।
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उसके बाद दोनों मंच से उठे और इंदिरा ने लकड़ी का गेवल थामने के लिए हाथ बढ़ाया, लेकिन कास्त्रो यूं ही खड़े रहे। इंदिरा ने दोबारा हाथ बढ़ाया, लेकिन कास्त्रो वहां खड़े मुस्कुराते रहे।
उसके बाद इंदिरा ने जब झिझकते हुए तीसरी बार हाथ बढ़ाया, तो कास्त्रो ने इंदिरा को आश्चर्यजनक रूप से गेवल सौंपने के साथ ही सम्मेलन में मौजूद सैकड़ों प्रतिनिधियों के सामने गले लगा लिया।
पूरा सम्मेलन कक्ष तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इंदिरा के लिए यह अप्रत्याशित था। कास्त्रो द्वारा इंदिरा को गले लगाने का यह क्षण हमेशा के लिए इतिहास में दर्ज हो गया है। कास्त्रो की भारत की यह अंतिम यात्रा थी।