Thursday, April 25, 2024
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मैंने मानव ढाल से कई लोगों की जान बचाई : मेजर गोगोई

कश्मीर में पथराव कर रही भीड़ के हमले को विफल करने के लिए एक कश्मीरी युवक को मानव ढाल की तरह इस्तेमाल करने वाले भारतीय सेना के अधिकारी मेजर नितिन लितुल गोगोई ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने ऐसा कई लोगों की जान बचाने के लिए किया था।

IANS IANS
Updated on: May 23, 2017 23:16 IST
Major Gogoi- India TV Hindi
Image Source : ANI Major Gogoi

श्रीनगर: कश्मीर में पथराव कर रही भीड़ के हमले को विफल करने के लिए एक कश्मीरी युवक को मानव ढाल की तरह इस्तेमाल करने वाले भारतीय सेना के अधिकारी मेजर नितिन लितुल गोगोई ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने ऐसा कई लोगों की जान बचाने के लिए किया था। आतंकवाद-रोधी अभियान में 'सतत प्रयासों' के लिए सेना प्रमुख द्वारा सम्मानित किए जाने के एक दिन बाद 53 राष्ट्रीय राइफल्स के गोगोई ने संवाददाताओं से कहा, "मैंने ऐसा (फारूक डार को जीप के बोनट पर बांधा) इसलिए किया, ताकि स्थानीय लोगों की जानें बचाई जा सकें।"

श्रीनगर में नौ अप्रैल को उपचुनाव के दिन के याद करते हुए गोगोई ने कहा, "अगर मैंने गोलीबारी की अनुमति दी होती, तो कई लोगों की जानें जातीं।" मानव ढाल के रूप में जीप के बोनट पर बंधे डार की एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, जिसकी चौतरफ निंदा हुई थी।

मतदान के दिन के घटनाक्रम का ब्योरा देते हुए गोगोई ने कहा, "मुझे इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) के एक कर्मी का कॉल आया कि बांदीपोरा में एक मतदान केंद्र के बाहर 400-500 लोगों की भीड़ जमा है और पथराव कर मतदानकर्मियों को जख्मी कर रहे हैं।"

उन्होंने कहा, "मैं वहां 30 मिनट के अंदर पहुंच गया, जिसके बाद मैंने और मेरे जवानों ने हालात को नियंत्रण में लाया। लेकिन सुबह 10.30 बजे के आसपास एक बार फिर मुझे डिस्ट्रेस कॉल आया, जिसमें कहा गया कि उतलिगाम में करीब 1,200 लोग पथराव कर रहे हैं और पेट्रोल बम भी फेंक रहे हैं।"

राष्ट्रीय राइफल्स के अधिकारी ने कहा, "वक्त जाया किए बिना हम उतलिगाम के लिए निकल पड़े, जो वहां से 1.5 किलोमीटर की दूरी पर था।" उन्होंने कहा कि घटनास्थल पर पहुंचने के बाद वह अपने वाहन से निकलने में सक्षम नहीं थे। गोगोई ने कहा कि उन्होंने भीड़ से पथराव न करने की बार-बार अपील की, लेकिन वे नहीं माने। 

उन्होंने कहा, "उसके बाद मैंने उस व्यक्ति (फारूक डार) को देखा, जो मेरे वाहन से मात्र 30 मीटर की दूरी पर खड़ा था। मैंने अपने क्यूआरटी (क्विक रिएक्शन टीम) के जवानों को उसे पकड़ने के लिए कहा। जब जवान उसकी ओर बढ़े, तो वह भीड़ की तरफ भागने लगा और घटना स्थल से भागने के एक मोटरसाइकिल का सहारा लिया।" गोगोई ने कहा कि डार कश्मीर के बडगाम का निवासी है। उन्होंने कहा कि जवान डार को पकड़ने में कामयाब रहे और उसे मतदान केंद्र के अंदर ले गए।

गोगोई ने कहा, "लेकिन एक मस्जिद से घोषणा होने के तुरंत बाद और अधिक संख्या में लोग मतदान केंद्र के बाहर जमा हो गए। उन्होंने हम पर पेट्रोल बम फेंकना शुरू कर दिया।" उन्होंने कहा, "जब हमने खुद को वहां से निकल पाने में अक्षम पाया, तो मैंने मेगा-माइक से डार को जीप के बोनट से बांधने की घोषणा की, जिसके बाद पथराव बंद हो गया और हमें वहां से बाहर निकलने का समय मिल गया और अपने वाहन में जा बैठे।" 

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