लखनऊ: उत्तर प्रदेश के विकास का खाका पेश करने के लिए नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया बुधवार को अपनी टीम के साथ राजधानी पहुंचे। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई। बैठक में उप्र की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए 10 फीसदी की विकास दर प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया। योजना भवन में मुख्यमंत्री, राज्य सरकार के मंत्रियों और आला अधिकारियों के सामने सूबे की तस्वीर बदलने का खाका प्रस्तुत किया गया। यह पहला मौका है जब पनगढ़िया की अगुआई में नीति आयोग की टीम लखनऊ आई।
बैठक की जानकारी देते हुये योगी ने कहा कि एक दिवसीय बैठक के दौरान जिन अहम बिंदुओं पर चर्चा की गई, उनमें किसानों की आय बढ़ाने के लिए इन्हें उत्पादन एवं उत्पादकता के साथ ही खाद्य प्रसंस्करण तथा अन्य प्रकार के मूल्य संवर्धन कार्यकलापों से जोड़ा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगों के लिए जल्दी ही नई औद्योगिक नीति लाई जाएगी। नियमों एवं प्रक्रियाओं का सरलीकरण कर सिंगल विंडो सिस्टम लागू होगा जिससे लाल फीताशाही और इंस्पेक्टर राज समाप्त हो सके। इसके अलावा कर सुधार जैसे कदम भी उठाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि इस पर चर्चा हुई कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर को कम करके वर्ष 2030 तक 12 से 23 माह के बच्चों में शत प्रतिशत प्रतिरक्षण हो। योगी ने कहा कि प्रदेश की साक्षरता दर अभी मात्र 67.68 प्रतिशत है। हमारा लक्ष्य है कि वर्ष 2030 तक सभी बालक एवं बालिकाओं के लिए नि:शुल्क एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुलभ बनाया जा सके।
योगी ने कहा कि पलायन को रोकने के लिए मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं का विकास कर स्थानीय स्तर पर रोजगार देने का प्रयास किया जाएगा। इसके साथ सबको स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने, गिरते जलस्तर को रोकने तथा 250 से 499 तक की आबादी वाले गांवों को भी ऑल सीजन रोड से जोड़ने पर काम किया जाएगा। उन्होने कहा बुंदेलखंड पैकेज की अवधि समाप्त होने की वजह से इसके विस्तार की भी मांग की गई है।
चर्चा के दौरान नीति आयोग के उपाध्यक्ष तथा अधिकारियों ने यह आश्वासन दिया कि उप्र के विकास में संसाधनों की कमी नही आने दी जाएगी। चर्चा के क्रम को आगे बढ़ाने के लिए एक समिति नीति आयोग के सदस्य डॉ रमेश चंद्र, सीईओ अमिताभ कांत, सलाहकार आलोक कुमार तथा प्रदेश सरकार की ओर से मंत्री सिद्घार्थनाथ सिंह, मुख्य सचिव एवं प्रमुख सचिव को मिलाकर गठित की गई। यह समिति सभी विभागों से कार्रवाई के लिए आगामी 15 दिनो में बिंदु चिन्हित करेगी और आगे इसी के आधार पर सभी विभाग रोडमैप बनाकर काम करेंगे।