अलीगढ़: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद करने की घोषणा करने के बाद से ही पूरे देश में हलचल पैदा हो गई है। इससे लोगों को परेशानी होने के बावजूद वह मोदी के इस कदम की सराहना भी कर रहे हैं। लेकिन बैंकों के बाहर लंबी कतार भी देखने को मिल रही है। हाल ही में इससे जुड़ा एक मामला सामने आया है जब पुराने नोट बदलने में विफल 2 व्यक्तियों की कथित तौर पर सदमे से मौत हो गई।
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नागला मानसिंह इलाके के निवासी 50 साल के बाबू लाल की मौत दिल का दौरा पडने से हो गई। परिवार वालों का कहना है कि वह 3 दिन से बैंकों के चक्कर काट रहे थे लेकिन पुराने नोट नहीं बदल पाए।
बाबू लाल की बेटी की 26 नवंबर को शादी तय थी। उन्होंने इसके लिए धन जमा किया था। नोटबंदी के फैसले के बाद से ही वह तनाव में रहते थे। कल बैंक से लौटने के बाद उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की। अस्पताल ले जाने पर डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
दूसरी घटना सिविल लाइन्स थाने के जमालपुर इलाके की है, जहां 45 वर्ष के मोहम्मद इदरीस की भी शुक्रवार को दिल का दौरा पडने से मौत हो गई। परिवार वालों ने बताया कि इदरीस का बैंक खाता नहीं था लेकिन 4 दिन से वह एक स्थानीय बैंक के चक्कर इस उम्मीद में काट रहे थे कि उनके पुराने नोट बदल जाएंगे। भारी भीड़ के कारण वह नोट बदल नहीं पाए।
सपा के स्थानीय विधायक जमीरूल्ला खान ने कहा कि दोनों ही मामलों में सदमे से मौत हुई है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की।