नई दिल्ली: एक पाकिस्तानी एजेंट, तीन हिंदुस्तानी गद्दार और हनीट्रैप के जरिए जासूसी का प्लान.. दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के भीतर चल रहे बड़े जासूसी नेटवर्क का खुलासा हुआ है। भारत के खिलाफ साजिश रचने के लिए पाकिस्तान कैसे-कैसे हथकंडे अपना रहा है। जासूसों के इस गिरोह ने इसकी असलियत पूरी दुनिया के सामने ला दी है।
अय्याशी के ऑफर के जरिए जासूसी का प्लान
लालच, धोखा, हनी ट्रैप और जासूसी के लिए अय्याशी का खुला ऑफर। दिल्ली पुलिस ने जासूसों के एक ऐसे नेटवर्क का भंडाफोड़ किया जिसके खुलासे के बाद देश की खुफिया एजेंसियां सकते में हैं। हिंदुस्तान के इन दुश्मनों के पास कई ऐसी संवेदनशील जानकारियां थीं जो सीधे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI को मिलने वाली थीं। जासूसों का ये गिरोह खुफिया इनपुट जुटाने के लिए हनीट्रैप को अपना हथियार बनाता था।
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दिल्ली के चिड़ियाघर के आसपास चप्पे-चप्पे पर सादे कपड़ों में पुलिसवाले तैनात थे। तलाश थी तीन ऐसे चेहरों की जो देखने में किसी आम दिल्लीवालों जैसे थे लेकिन हकीकत में उतने ही शातिर और उनका सीधा कनेक्शन पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI से था। खबर बिल्कुल सटीक थी यहां तक कि दिल्ली के चिड़ियाघर के पास होने वाली मीटिंग में कौन-कौन आने वाला है इसकी भी जानकारी थी। इनपुट था कि 3 जासूस मिलने वाले हैं और इनमें से एक पाकिस्तानी उच्चायोग का अफसर हो सकता है।
जासूसी नेटवर्क के 4 किरदारों की पूरी कहानी
ठीक सुबह 10 बजे पुलिस को तीन लोग दिखे। इनमें से एक ये मौलाना था। दूसरा शख्स इस मौलाना का दोस्त और तीसरा पाकिस्तानी अफसर। तीनों को हिरासत में लेकर चाणक्यपुरी थाने लाया गया इसके बाद जो खुलासे हुए वो काफी चौंकाने वाले थे। इस नेटवर्क के 4 बड़े किरदार हैं।
जासूसी रैकेट के किरदार
- पकड़े गए पाकिस्तानी अफसर का नाम महमूद अहमद था। महमूद अपने जासूसों से खुफिया इनपुट लेने आया था।
- मौलाना का नाम रमजान खान उर्फ हजरत था
- और तीसरे शख्स का नाम सुभाष जांगीड़
- जांच के दौरान जोधपुर के शोएब नाम के एक वीजा एजेंट के बारे में भी खुलासा हुआ
मौलाना और सुभाष जांगीड़ अपने साथ आर्मी और बीएसएफ से जुड़े कई संवेदनशील दस्तावेज लेकर दिल्ली आए थे जबकि पाकिस्तानी अफसर के पास कैश था जिसे वो इन जासूसों को खुफिया दस्तावेजों के बदले में देने वाला था।
देखिए वीडियो-
हिरासत में लेने के तुरंत बाद चाणक्यपुरी थाने में देश के इन दुश्मनों से पूछताछ शुरू हुई। पुलिस ने थोड़ी सी सख्ती बरती तो ये रट्टू तोते की तरह अपने सारे राज उगलने लगे। थोड़ी ही देर में पाकिस्तानी अफसर भी टूट गया और पुलिस के सामने कबूल कर लिया कि वो पाकिस्तानी उच्चायोग का कर्मचारी है और उसे ऐसी किसी पूछताछ से डिप्लोमेटिक छूट हासिल है।
एक पाकिस्तानी अफसर जासूसी करते वक्त पकड़ा गया है ये खबर मिलते ही हड़कंप मच गया। दिल्ली पुलिस ने तुरंत इसकी खबर विदेश मंत्रालय को दी। MEA ने पाकिस्तानी उच्चायोग से संपर्क सांधा जानकारी हासिल की लेकिन जब ये कवायद चल रही थी तब तक कई चौंकाने वाले खुलासे हो चुके थे।