Thursday, April 25, 2024
Advertisement

ट्रेन हादसा: मुआवजे के लालच में नकली बहन ने मृत युवक को अपना भाई बताया, गिरफ्तार

कानपुर: मुआवजे के लालच में एक महिला ने इंदौर-पटना एक्सप्रेस हादसे में जान गंवाने वाले एक युवक को अपना भाई बता दिया। पुलिस पोस्टमार्टम के बाद शव को उस फर्जी बहन को सौंपने ही वाली

Bhasha Bhasha
Updated on: November 23, 2016 16:30 IST
kanpur train accident- India TV Hindi
kanpur train accident

कानपुर: मुआवजे के लालच में एक महिला ने इंदौर-पटना एक्सप्रेस हादसे में जान गंवाने वाले एक युवक को अपना भाई बता दिया। पुलिस पोस्टमार्टम के बाद शव को उस फर्जी बहन को सौंपने ही वाली थी कि अचानक मृत युवक का पिता पहुंच गया और उसने युवक का परिचय पत्र दिखाया। इस पर पुलिस ने फर्जी बहन बनकर आई महिला को गिरफ्तार कर लिया। (देश-विदेश की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें)

कानपुर देहात के माती जिला अस्पताल में हुई इस घटना में पुलिस ने सावधानी बरतते हुए फर्जी बहन बनकर आई महिला, युवक का शव लेने आये पिता तथा मृत युवक का डीएनए नमूना सुरक्षित रख लिया है।

Also read:

कानपुर देहात जिले के पुलिस उपाधीक्षक पवित्र मोहन त्रिपाठी ने बताया कि माती पोस्टमार्टम हाउस में शवों की शिनाख्त का काम चल रहा था कि कल एक महिला आई और उसने अपना नाम प्रीति निवासी पटना बताया। उसने एक युवक के शव को अपने भाई राहुल का शव बताया। पुलिस पोस्टमार्टम के बाद शव उस महिला को देने की तैयारी करने लगी। महिला बार-बार पोस्टमार्टम हाउस के कर्मचारियों से पूछ रही थी कि उसके भाई का मुआवजा कब मिलेगा। इस पर वहां तैनात डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को इस महिला पर कुछ शक हुआ। मेडिकल स्टाफ ने इस बात की जानकारी पुलिस को दी।

पुलिस ने महिला से पूछताछ की तो वह बार-बार अपना पता अलग-अलग बताने लगी। जब उस महिला से उसका परिचय पत्र मांगा गया तो वह परिचय पत्र भी नहीं दे पाई। तभी चंदौली जिले के रहने वाले दीना विश्वकर्मा अपने कुछ परिजनों के साथ पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे और उन्होंने युवक के शव की पहचान अपने बेटे 30 साल के रिशू विश्वकर्मा के रूप में की। उन्होंने बताया कि उनका बेटा ट्रेन में ठेके पर सफाई का काम करता था और रविवार को इंदौर पटना एक्सप्रेस से आ रहा था। रविवार को दुर्घटना की जानकारी के बाद उन्होंने अपने बेटे का इंतजार किया और बाद में वह यहां जानकारी लेने आये।

पुलिस उपाधीक्षक त्रिपाठी ने बताया कि दीना विश्वकर्मा ने शव की पहचान भी की तथा उसका परिचय पत्र भी दिखाया। तब पुलिस को यकीन हो गया कि मृतक विश्वकर्मा का ही बेटा है। पुलिस ने फर्जी बहन से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने अपना नाम आलिया परवीन बताया। उसने अपनी उम्र करीब 45 साल तथा खुद को बनारस के गोदौलिया की रहने वाली बताया।

पुलिस को इस महिला ने बताया कि उसने लोगों से सुना था कि रेल हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को लाखों रूपये का मुआवजा मिल रहा है, इसलिये उसने यह साजिश रची, ताकि उसे मुआवजा मिल सके। पुलिस को इस घटना में कुछ और लोगों के शामिल होने का अंदेशा है क्योंकि महिला आलिया मृतक रिशु की पहचान के फर्जी कागज भी मेडिकल कर्मचारियों को दिखा चुकी थी। पुलिस का मानना है कि कुछ लोगों ने आलिया को फर्जी कागज मुहैया कराकर मुआवजा लेने की योजना बनाई।

महिला को गिरफ्तार कर अकबरपुर पुलिस थाने में उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। उससे उसके अन्य साथियों के बारे में पूछताछ की रही है क्योंकि उसके मोबाइल में कुछ ऐसे लोगों के नंबर मिले हैं जिनके वह लगातार संपर्क में थी। आलिया ने बताया कि वह ट्रेनों में भीख मांगने का काम करती है लेकिन पुलिस को इस पर भी संदेह है। त्रिपाठी ने बताया कि पुलिस ने आलिया तथा युवक रिशु और उसके पिता दीना विश्वकर्मा का डीएनए नमूना ले लिया है। शव को पोस्टमार्टम के बाद आज दीना विश्वकर्मा को सौंप दिया गया।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement