समाजवादियो को इस बात की परवाह नहीं कि चुनाव नज़दीक है..चुनाव हारे या जीते....शायद कोई फर्क नहीं पड़ता.. पार्टी पर किसका कब्ज़ा होगा यह ज़रूरी हो गया है। पिछले कई महीनो से चले आ रहे ड्रामो को देखकर कहना गलत नहीं..इस समय पारिवारिक कुनबा सियासी मोह के चलते बिखर चुका है। झगड़ा अगर इसी राह चलता रहा तो सबसे अहम सवाल... कौन होगा समाजवादी पार्टी का उत्तराधिकारी? पार्टी पर किसका होगा राज? मसीहा कौन होगा?
कौन क्या चाहता है खुलकर सामने तो है लेकिन आगामी चुनाव में मुद्दों की लड़ाई नहीं, उत्तराधिकारी की लड़ाई चर्चा का विषय बन गयी है! मानना पड़ेगा पिछली बार अकेले दम पर स्पष्ट बहुमत हासिल करने वाले समाजवादी इस बार जनता और उससे जुड़े मुद्दों को तवज्जो देना भूल रहे है। बहरहाल नेता जी भले ही किसी फॉर्मूले से इस equation को सोल्व कर ले लेकिन क्या गारंटी की आगे सब कुछ ठीक रहे ?? साफ़ है झगड़ा अगर जल्द ख़त्म नहीं हुआ तो न सिर्फ गैर यादव नेता बल्कि जनता भी दूसरी पार्टियों का रुख करेंगी!
#BJP की लड़ी
उत्तर प्रदेश में बीजेपी मज़बूत स्थिति में पहुचने की कोशिश कर रही ज़ाहिर होता दिख रहा है!
सपा का झगड़ा क्या करेगा बीजेपी को मज़बूत ?
BSP के कई बड़े नेताओ का बीजेपी में आना और बाद में कांग्रेस का बड़ा चेहरा रीता बहुगुणा जोशी का पार्टी से जुड़ना...बीजेपी को सरकार बंनाने के रास्ते में आगे बढ़ने का मौका दे चुकी है। वैसे बीजेपी ने एक और बड़ी चाल चली है... गड़े मुद्दों का पिटारा फिर खोल दिया। चुनावी फ़िज़ा में जय श्री राम, यूनिफॉर्म सिविल कोड और ट्रिपल तलाक जैसे मुद्दे छाए हुए है।
क्या वाक़ई राम मंदिर का मुद्दा लोगो की प्राथमिकता है ? ये पब्लिक है सब जानती है, चुनावी मुद्दों में ही आते है श्री राम याद !
बीजेपी की राजनितिक गणना के बादशाह हर दाव को सही जगह बिठाने की कोशिश में तो है लेकिन क्या सर्जिकल स्ट्राइक के साथ हिन्दुत्व के मुद्दे को आपस में जोड़ने का रिस्क उठाया जाएगा?
#कांग्रेस की फूलझड़ी: उप्र की सत्ता से 27 साल से बाहर कांग्रेस को क्या मिलेगा जनता का सहारा?
कांग्रेस ने हाल में खोले गए पत्तो से ये ज़ाहिर कर दिया की चुनाव के बाद पार्टी को गठबंधन से कोई आपत्ति नहीं...
आपत्ति हो भी कैसे? राहुल के पठाखे चल ही नहीं पाते!
राहुल गांधी ने अपनी खाट सभाओं में किसान रॉकेट उड़ाने की कोशिश तो की...लेकिन सभाए हास्यास्पद तब बनी जब लोग रॉकेट उड़ाने की बोतले साथ ले गए! वैसे राहुल ने अपनी कांग्रेस फ़ौज के साथ किसान यात्रा में कार्यकर्ताओं का उत्साह तो बढ़ा दिया लेकिन जनता के दिलो पर राज करने का ख़्वाब पूरा करने के लिए उन्हें प्रियंका के चमत्कार पर निर्भर रहना होगा।
#BSP का अनार
मौका देख के चौका मारना कोई इनसे सीखे....दूसरो के सुतली बम को भी अपना बनाके फोड़ने की कला कोई BSP से जाने.....BSP के कुम्भकर्ण भी सिर्फ तभी जागते है जब दलित पर होता है अत्याचार...लेकिन 2007 के करिश्मे को दोहराने के लिए BSP को दलित के साथ आ रही है ब्राह्मणों की भी याद!
उत्सुकता इस बात को लेकर भी है कि चुनाव से महीनों पहले उठाये गए मुद्दों का कैसा दिखेगा सियासी असर....तब तक no matter what ......wait and watch....no matter what u feel....life goes on.....happy diwali
(ब्लॉग लेखिका सुरभि आर शर्मा देश के नंबर वन चैनल इंडिया टीवी में न्यूज एंकर हैं)