Friday, April 19, 2024
Advertisement

पिता के घर पर रहने का बेटे को कानूनी हक नहीं: कोर्ट

पैतृक संपत्ति पर दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को बड़ा फैसला दिया है। इस फैसले के मुताबिक पैतृक घर पर बेटे का कानूनी अधिकार नहीं बनता है। माता-पिता की सहमति से ही वह उनके बनाए घर में रह सकता है।

IndiaTV Hindi Desk IndiaTV Hindi Desk
Updated on: November 29, 2016 23:59 IST
Delhi High court- India TV Hindi
Delhi High court

नई दिल्ली: पैतृक संपत्ति पर दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को बड़ा फैसला दिया है। इस फैसले के मुताबिक पैतृक घर पर बेटे का कानूनी अधिकार नहीं बनता है। माता-पिता की सहमति से ही वह उनके बनाए घर में रह सकता है। कोर्ट ने इस संबंध में दायर याचिका को खारिज करते हुए माता-पिता के हक में फैसला सुनाया।

देश-दुनिया की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

​कोर्ट ने कहा कि माता-पिता अपने घर में बेटे को रहने की इजाजत देते हैं इसका मतलब ये नहीं कि वे इस बोझ को ऊम्र भर ढोते रहें। जस्टिस प्रतिभा रानी ने अपने आदेश में कहा कि माता-पिता की मेहनत से बनाए घर पर बेटा उनकी सहमति से ही रह सकता है। बेटे का उस घऱ में रहने का कानूनी अधिकार नहीं है। वह सिर्फ माता-पिता की दया पर तभी तक वहां रह सकता है जब तक वे रहने की इजाजत दें। कोर्ट ने इस संबंध में दाखिल याचिका को खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया।

​दरअसल इस मामले में बुजुर्ग दंपत्ति ने पुलिस में शिकायत की थी कि बेटे और बहू ने उनलोगों का जीवन नरक बना दिया है। बुजुर्ग के दोनों बेटों ने आरोप को नकारते हुए प्रॉपर्टी में हक का दावा पेश किया था। इसी संबंध में दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह अहम फैसला सुनाया।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement