Friday, April 19, 2024
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बड़ा खुलासा: भोपाल जेल में चौकीदार की भूमिका निभा रहे थे कैदी

भोपाल: भोपाल के केंद्रीय कारागार में कैद प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) के विचाराधीन कैदियों की सुरक्षा को वरिष्ठ अधिकारियों ने नजरअंदाज किया और उसी का नतीजा रहा दिवाली की रात की

IANS IANS
Updated on: November 02, 2016 20:39 IST
bhopal jail- India TV Hindi
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भोपाल: भोपाल के केंद्रीय कारागार में कैद प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) के विचाराधीन कैदियों की सुरक्षा को वरिष्ठ अधिकारियों ने नजरअंदाज किया और उसी का नतीजा रहा दिवाली की रात की घटना। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह खुलासा कर चौंका दिया कि "भोपाल केंद्रीय जेल में जो काम प्रहरी को करना चाहिए, वह कैदी निभा रहे हैं।"

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इन खुलासों के बीच राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को केंद्रीय कारागार का निरीक्षण किया। इससे पहले सात शवों को मंगलवार रात विभिन्न स्थानों पर दफना दिया गया। दिवाली की रात सिमी के आठ विचाराधीन कैदी प्रहरी रमाशंकर यादव की गला रेतकर हत्या करने के बाद फरार हो गए थे। फरारी के आठ घंटे बाद सभी आठों को शहर से कुछ किलोमीटर दूर पुलिस के संयुक्त दल ने मुठभेड़ में मार गिराया था।

तत्कालीन अतिरिक्त महानिरीक्षक (जेल) जी़ क़े अग्रवाल ने बुधवार को संवाददाताओं के साथ चर्चा में स्वीकार किया कि उन्होंने 2013 में ही मुख्य सचिव को पत्र लिखा था, जिसमें जेल व्यवस्था का मुद्दा शामिल था। इस पत्र में उन्होंने कहा था, "जेल में कोई घटना नहीं हो रही है, तो यह न माना जाए कि सुरक्षा-व्यवस्था पुख्ता है। यह तो सिर्फ भगवान की कृपा है, भगवान हमेशा मदद करता रहेगा, ऐसा नहीं है।"

अग्रवाल ने यह पत्र वर्ष 2013 में खंडवा जेल से सिमी कार्यकर्ताओं के फरार होने के बाद लिखा था। खंडवा की घटना के लिए उन्होंने जेल मुख्यालय को जिम्मेदार ठहराया था। अग्रवाल ने कहा था, "भोपाल केंद्रीय कारागार का हाल यह है कि यहां जो काम प्रहरी को करना चाहिए, वह कैदी निभा रहे हैं। इससे आगे वह कुछ भी कहना नहीं चाहते।" अग्रवाल ने इस पत्र की प्रति एनएसए और आईबी प्रमुख को भी भेजी थी। इसके अलावा एक अन्य अधिकारी को भी सिमी सदस्यों की अप्रिय हरकतों की आशंका थी, इसलिए विभागीय अधिकारियों ने जेल प्रशासन को सिमी के विचाराधीन कैदियों की सुरक्षा के संबंध में दिशा-निर्देश भी जारी किए थे।

सूत्रों ने कहा, "गत माह अतिरिक्त महानिदेशक (जेल) सुशोभन बनर्जी ने जेल की सुरक्षा और सिमी के विचाराधीन कैदियों पर खास नजर रखने के निर्देश दिए थे। उनकी ओर से दिए गए निर्देशों में साफ कहा गया था कि जिन बैरकों में सिमी के विचाराधीन कैदी हैं, उनके ताले बदल-बदलकर इस्तेमाल किए जाएं। इतना ही नहीं अफसर भी इन चीजों की लगातार निगरानी करें।"

सूत्रों के अनुसार, बनर्जी ने जेल अधीक्षक को अलर्ट जारी करते हुए कहा था कि सिमी के विचाराधीन कैदियों पर खास ध्यान रखा जाए और उनकी मुलाकातों पर बंदिश लगाई जाए। इसके साथ ही पूर्व के निर्देशों पर अमल किया जाए, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।

भोपाल जेल की सुरक्षा को लेकर जारी निर्देशों में कहा गया था कि बैरक के बंदियों की अदला-बदली की जाए, बाहरी दीवार के आसपास गश्त बढ़ाई जाए और झाड़ियां काटकर हटाई जाएं। सूत्रों का कहना है कि विभागीय अधिकारी द्वारा जारी अलर्ट के बाद पुलिस मुख्यालय से विशेष सुरक्षा बलों की मांग जरूर की गई और बंदियों से मुलाकात पर रोक लगाई गई, मगर शेष निर्देशों पर अमल नहीं हुआ।

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