Tuesday, March 19, 2024
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अयोध्या में मंदिर और लखनऊ में मस्जिद, दिवाली तक अयोध्या में राम मंदिर निर्माण?

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर शिया वक्फ बोर्ड एक नया फॉर्मूला लेकर आया है। नये प्लान के मुताबिक़ राम मंदिर अयोध्या में बनाने की योजना है जबकि...

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: November 20, 2017 16:39 IST
ram temple ayodhya- India TV Hindi
ram temple ayodhya

नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर शिया वक्फ बोर्ड एक नया फॉर्मूला लेकर आया है। नये प्लान के मुताबिक़ राम मंदिर अयोध्या में बनाने की योजना है जबकि शिया वक्फ बोर्ड चाहता है कि मस्जिद का निर्माण लखनऊ में हो। इस बीच बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने बड़ा बयान दिया है कि अगले साल नवंबर से पहले मंदिर निर्माण शुरू हो जाएगा।

राम मंदिर के बदले मुसलमानों का मस्जिद फॉर्मूला

अयोध्या में राम मंदिर बनेगा या मस्जिद....इस पर सुप्रीम कोर्ट में 5 दिसंबर से सुनवाई शुरू होगी लेकिन इस सुनवाई से 14 दिन पहले शिया वक्फ बोर्ड ने मंदिर और मस्जिद निर्माण पर एक नया फॉर्मूला सुझाया है। इसके लिए बकायदा शिया वक्फ बोर्ड ने ड्राफ्ट भी तैयार किया है जिसकी कॉपी सुप्रीम कोर्ट में सौंपी गई है। ड्राफ्ट के  तहत शिया वक्फ बोर्ड ने हिंदू और मुसलमान दोनों पक्षों के लिए नया रास्ता सुझाया है।

इस फॉर्मूले में बताया गया है कैसे अयोध्या में मंदिर बनेगा और मस्ज़िद कहां बनेगी। शिया वक्फ बोर्ड ने जो नया ड्राफ्ट फॉर्मूला तैयार किया है उसके मुताबिक-

  • अयोध्या में विवादित जमीन पर राम मंदिर बनाया जाए
  • जबकि मस्जिद अयोध्या से दूर लखनऊ में बनाया जाए
  • लखनऊ के  हुसैनाबाद में घंटाघर के सामने की जमीन पर मस्जिद बने
  • शिया वक्फ बोर्ड की जमीन पर मस्जिद बनाई जाए
  • मस्जिद का नाम किसी मुस्लिम राजा या शासक पर ना रखी जाए
  • हिंदू-मुसलमानों में सौहार्द बनाने के लिए 'अमन की मस्जिद' नाम रखा जाए

रामलला के लिए 'अमन-ए-मस्जिद' प्लान !

शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के इस मसौदे पर दस्तखत करने वालों में दिगंबर अखाड़े के सुरेश दास, हनुमान गढ़ी के धर्मदास, निर्मोही अखाड़े के भास्कर दास इसके अलावा राम विलास वेदांती, गोपालदास और नरेंद्र गिरी ने भी समर्थन किया है। हालांकि शिया वक्फ सेंट्रल बोर्ड ने मुस्लिम पक्षकारों की ओर से इस मसौदे पर कोई सहमति नहीं ली है। दरअसल 8 अगस्त को ही शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने राम मंदिर केस में पार्टी बनने के लिए अपील दायर की थी जिसे सुप्रीमकोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद लगातार वो समझौते के लिए मस्जिद को मुस्लिम आबादी वाले इलाके में बनाने की बात करते रहे हैं और विवादित जगह पर राममंदिर की।

अब जब शिया वक्फ बोर्ड ने इस मसले पर अपना फॉर्मूला सुझाया है तो एक बार फिर से नजरें सुप्रीम कोर्ट और तमाम पक्षकारों पर टिक गई है। बड़ा सवाल यही है कि क्या शिया वक्फ बोर्ड के फॉर्मूले को सभी पक्ष मानेंगे। लेकिन शिया वक्फ बोर्ड के नए प्लान का मुस्लिम धर्म गुरुओं ने विरोध शुरू कर दिया। उनका मानना है कि इस तरह के फॉर्मूले से मंदिर निर्माण के रास्ते में रोड़े अटकेंगे।

दिवाली तक अयोध्या में राम मंदिर निर्माण?

शिया वक्फ बोर्ड के फॉर्मूले के बाद बीजेपी नेता सुब्रह्मणय स्वामी ने भी राम मंदिर निर्माण पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ-साफ कहा कि अगले साल दिवाली तक मंदिर निर्माण शुरू हो जाएगा।

5 दिसंबर से सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई एक बार फिर शुरू होगी। इस सुनवाई पर पूरे देश की नजरें टिकी हैं और अब गेंद सुप्रीम कोर्ट के पाले में है। बड़ा सवाल यही है कि इस मसले का समाधान कोर्ट से होगा या फिर आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट के लिए सभी पक्षकार तैयार हो जाएंगे।

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