Tuesday, April 16, 2024
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पाक के कब्जे में कश्मीरी पंडितों की कुलदेवी, कब खत्म होगा 70 साल का 'वनवास'?

इस ऐतिहासिक मंदिर की दीवारें ढह चुकी है और अब ये खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। जो जगह 70 साल पहले आबाद हुआ करती थी, जहां भक्तों की भीड़ रहती थी वो अब वीरान हो चुका है। ये वीडियो PoK में रहने वाले लोगों ने हिंदुस्तान भेजी हैं। बर्फ की चादर के बीच न

India TV News Desk Written by: India TV News Desk
Updated on: November 16, 2017 16:32 IST
Sharda_Peeth- India TV Hindi
Sharda_Peeth

नई दिल्ली: वो ज़मीन हिंदुस्तान की है लेकिन कब्जा पाकिस्तान का है। वो मंदिर हिंदुओं का है लेकिन वहां कोई हिंदू कदम तक नहीं रख सकता। कहने के लिए वो मंदिर है लेकिन वहां क़ैद में हैं हिंदुओं की कुलदेवी। हम बात कर रहे हैं करीब 15 सौ साल पुरानी उस शारदा पीठ की जो PoK यानी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में है। 70 साल बीत चुके हैं वहां किसी हिंदू को जाने की इजाज़त नहीं मिली है। अब तो वो इलाका आतंकियों के कब्जे में है।

पाकिस्तानी हुकूमत ने इस इलाके को अब आतंकी कैंपों में तब्दील कर दिया है। जहां शारदा पीठ है उसके अगल-बगल अब दहशतगर्दों का कब्जा है। एक तरफ लश्कर के आतंकी ट्रेनिंग लेते हैं तो दूसरी तरफ जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी करते हैं खून बहाने की प्रैक्टिस। जिस मंदिर के आसपास कभी देवी के जयकारे और भजन गूंजते थे अब वहां सुनाई देती है सिर्फ गोलियों और धमाकों की आवाज। हाफिज सईद और मसूद अज़हर जैसे आतंकी सरगना यहां तकरीरें करते हैं।

आस्था के केंद्र इस मंदिर तक पहुंचना और एक बार फिर से यहां पूजा करना कश्मीरी पंडितों की जिंदगी का सबसे बड़ा मकसद बन चुका है। अपनी कुलदेवी तक पहुंचने के लिए वो लड़ रहे हैं एक बड़ी लड़ाई। 1947 यानी वो साल जब तक पाकिस्तान का कश्मीर के उस हिस्से पर (PoK) कब्जा नहीं था तब तक हर कश्मीरी पंडित कुलदेवी शारदा के दर्शन के लिए जाते थे। शारदा पीठ में जयकारे गूंजते थे लेकिन पाकिस्तान ने जैसे ही कश्मीर के एक हिस्से पर कब्जा किया उस मंदिर का संपर्क हिंदुओं से खत्म हो गया। हालात ये है कि अब शारदा पीठ सिर्फ नाम के लिए मंदिर है क्योंकि वो खंडहर में तब्दील हो चुका है।

इस ऐतिहासिक मंदिर की दीवारें ढह चुकी है और अब ये खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। जो जगह 70 साल पहले आबाद हुआ करती थी, जहां भक्तों की भीड़ रहती थी वो अब वीरान हो चुका है। ये वीडियो PoK में रहने वाले लोगों ने हिंदुस्तान भेजी हैं। बर्फ की चादर के बीच नजर आ रही शारदा पीठ पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो चुकी है। शारदा पीठ की बदहाली की ये तस्वीरें हर कश्मीरी पंडित और हिंदुओं को झकझोर रही है, परेशान कर रही है।

PoK में नीलम नदी के किनारे बनी शारदा पीठ के इस हालात को सुधारने के लिए कश्मीरी पंडितों ने मुहिम शुरु की है। सेव शारदा नाम की संस्था बनाई गई है जो इस बात के लिए लड़ रही है कि हिंदुओ को PoK के शारदा मंदिर पीठ में जाकर पूजा करने की इजाजत दी जाए। शारदा पीठ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में है और वहां जाने की कुछ शर्ते हैं लेकिन उन शर्तों में मंदिर में दर्शन करने का कोई प्रावधान नहीं है। दरअसल

  • कश्मीरियों को POK जाने के लिए वीजा की जगह परमिट मिलता है
  • परमिट उन्हीं लोगों को मिलता है जिनके रिश्तेदार POK में रहते हैं
  • रिश्तेदार के घर शादी, फंक्शन या किसी की मौत पर परमिट मिलता है
  • परमिट में शारदा पीठ में दर्शन के लिए कोई नियम नहीं बनाया गया है
  • वीज़ा और परमिट दोनों नहीं होने से हिंदू शारदा पीठ नहीं जा सकते हैं

मुजफ्फराबाद के जिस इलाके में शारदा मंदिर बना है..वहां के मुस्लिमों के संपर्क में है सेव शारदा कमिटी। कमिटी के प्रमुख रविंद्र पंडिता लगातार LoC पार लोगों से संपर्क में रहते हैं। वहां के मुस्लिमों ने भी सेव शारदा नाम से कमिटी बना रखी है। कुछ महीनों पहले इन्होंने शारदा मां की स्वरुप मां सरस्वती की एक तस्वीर और फूल भेजे थे जिसे वहां के मुसलमानों ने शारदा पीठ की दीवार पर लगाया और माला पहनाई। शारदा पीठ के आसपास रहने वाले मुसलमानों को भी कुल देवी शारदा और कश्मीरि पंडितों की आस्था का पूरा ख्याल है। वो जानते हैं कि इस मंदिर का हिंदुओं के लिए क्या महत्व है लिहाजा उन्होंने मंदिर की मिट्टी और तस्वीर पर चढे़ फूल हिंदुस्तान भेजे।

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