नई दिल्ली: सरकार के 500 और 1,000 रुपये के नोट चलन से बाहर करने के हालिया फैसले से कुछ अन्य वर्गों के साथ ही सेक्स वर्कर्स की आजीविका भी बड़े पैमाने पर प्रभावित हुई है। इनके सामने कई समस्याएं मुंह बाए खड़ी हैं और अधिकांश को किसी भी बैंक में अकाउंट न होने की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
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GB रोड रेड लाइट एरिया पर ग्राहक घटे
केंद्र सरकार द्वारा 8 नवंबर की आधी रात से 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट बंद किए जाने के बाद दिल्ली के जी. बी. रोड रेड लाइट एरिया में ग्राहकों की आवक कम होने के साथ-साथ सेक्सवर्करों द्वारा की गई उनकी बचत अभी फिलहाल किसी काम की नहीं है। यहां काम करने वाली रेशमा (बदला हुआ नाम) नाम की सेक्सवर्कर ने बताया, ‘लंबे समय से अपने ग्राहकों से बख्शीश में मिलने वाले रुपये को वह अलग से जमा करके रखती हैं। अभी उनकी बचत में करीब 5 हजार रपये के बड़े मूल्य के नोट हैं। अब वह इस बचत का क्या करें यह उनकी समझ से बाहर है क्योंकि उनका कोई बैंक खाता भी नहीं है।’इन्हें भी पढ़ें:-
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बैंक खाता ना होने के चलते आ रही है समस्या
जी.बी. रोड रेडलाइट एरिया की अधिकतर सेक्स वर्कर्स के पास बैंक खाता नहीं है और इसलिए वह अपनी इस बचत के उपयोग को लेकर असमंजस में है। इनके अधिकारों के लिए काम करने वाले गैर-सरकारी संगठन ऑल इंडिया नेटवर्क ऑफ सेक्स वर्कर्स (AINSW) की अध्यक्ष कुसुम ने बताया, ‘यह समस्या यहां काम करने वाली करीब 50 प्रतिशत सेक्सवर्करों की है।’
कमाई वेश्यालय के मालिकों को भी नहीं बता सकते
कुसुम ने कहा, ‘सेक्सवर्कर अपनी बचत के बारे में अपने वेश्यालय के मालिकों को भी नहीं बता सकतीं क्योंकि इससे उन्हें भविष्य में अपनी आय कम होने का डर रहता है। वह अपने इन 500 और 1000 रुपये के नोटों को चाय की दुकान चलाने वालों इत्यादि के माध्यम से खपा रही हैं।’
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