नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को एटीएम व बैंकों के बाहर भीड़ थोड़ी कम रही, क्योंकि आज केवल वरिष्ठ नागरिकों को पुराने नोट बदलने की अनुमति थी। अन्य लोग या तो बैंकों में पुराने नोट जमा करने या फिर एटीएम से नकद निकालने के लिए लंबी कतारों में खड़े दिखे। (देश-विदेश की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें)
सुनील जैन नामक व्यक्ति ने ट्वीट किया, "बैंक में कतारें छोटी थीं। एचडीएफसी बैंक में सुबह 10 बजे ही नकदी खत्म हो गई थी, जिसके कारण कतारें छोटी हो गईं!!! उन्होंने कहा कि नकदी सोमवार को आएगी।"
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नोएडा में एक निजी कंपनी में काम करने वाले फरहीद अहमद ने कहा, "बड़े नोट बदलवाने के लिए बैंकों में भीड़ कम रही, क्योंकि आज केवल वरिष्ठ नागरिकों को ही पुराने नोट बदलवाने की अनुमति थी। लेकिन पैसे निकालने व जमा कराने के लिए भीड़ फिर भी थी।"
अहमद ने कहा कि वह नोएडा के एक बैंक में नकदी जमा कराने आए थे, लेकिन उन्हें तीन घंटे तक कतार में खड़े रहना पड़ा। उन्होंने कहा, "कुछ दिन पहले मैं अपने बैंक में नकदी जमा कराने गया था, जिसमें मेरा पूरा दिन निकल गया।" सभी बैंक पुराने नोट बदलने के लिए वरिष्ठ नागरिकों को वरीयता दे रहे थे, लेकिन फिर भी उन्हें कतार में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा।
वरिष्ठ नागरिक धरम दास ने कहा, "पुराने नोट बदलने के लिए मुझे दो घंटे तक इंतजार करना पड़ा।" एक अन्य वरिष्ठ नागरिक इस बात से खुश दिखे कि उन्हें नोट बदलवाने के लिए ज्यादा वक्त तक इंतजार नहीं करना पड़ा। परमानंद ने कहा, "यह अच्छी बात है कि सरकार ने शनिवार को केवल वरिष्ठ नागरिकों को ही पुराने नोट बदलवाने की अनुमति दी।"
पूर्वी दिल्ली के प्रीत विहार इलाके में आईसीआईसीआई बैंक की एक शाखा में कतार में खड़े 62 वर्षीय बुजुर्ग हरीश जैन ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि पुराने नोट बदलवाने के लिए वह चार दिनों तक कतार में खड़े हुए, जबकि उनका काम शनिवार को हुआ।
वरिष्ठ नागरिकों को नोट बदलवाने के लिए पूरा एक दिन देने के लिए उन्होंने सरकार का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा, "इससे पहले, मैं न तो पुराने नोट बदलवा सका और न ही नकदी जमा कर सका, क्योंकि कभी बैंक में नकदी खत्म हो गई या फिर बैंक का समय खत्म हो गया।"