Friday, April 19, 2024
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सुप्रीम कोर्ट ने जल्लीकट्टू के मुद्दे पर एक सप्ताह तक फैसला टाला

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने जल्लीकट्टू के मुद्दे पर एक सप्ताह तक फैसला नहीं सुनाने के केंद्र के आग्रह को मान लिया है। अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि केंद्र और

India TV News Desk India TV News Desk
Updated on: January 20, 2017 11:54 IST
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नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने जल्लीकट्टू के मुद्दे पर एक सप्ताह तक फैसला नहीं सुनाने के केंद्र के आग्रह को मान लिया है। अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि केंद्र और राज्य जल्लीकट्टू विवाद के समाधान के लिए बातचीत कर रहे हैं इसलिये कोर्ट अपना फ़ैसला एक हफ़्ते तक के लिए रोक ले। 

अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति आर भानुमति की पीठ को बताया कि जल्लीकट्टू से तमिलनाडु के लोगों की भावनाएं जुड़ी हैं और केंद्र तथा राज्य सरकार इस मुद्दे का समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं। 

रोहतगी ने पीठ से कहा, केंद्र और राज्य समाधान निकालने के लिए बातचीत कर रहे हैं और हमारा अनुरोध है कि न्यायालय कम से कम एक सप्ताह तक इस पर अपना फैसला ना सुनाए। उनके इस आग्रह पर पीठ ने कहा ठीक है। 

इस बीच के मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने आज कहा है कि राज्य सरकार जल्लीकट्टू का आयोजन सुनिश्चित करने के लिए अध्यादेश जारी करेगी। इसका का मसौदा गृह मंत्रालय को सौंप दिया गया है। 

पनीरसेल्वम ने कहा कि एक-दो दिन में राष्ट्रपति की मंज़ूरी मिल जाने के बाद अध्यादेश जारी किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनकारियों से विरोध प्रदर्शन समाप्त करने की भी अपील की। 

ग़ौरतलब है कि जल्लीकट्टू को बैन किए जाने के विरोध में तमिलनाडु में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। लाखों की संख्या में लोग पूरे राज्य में प्रदर्शन कर बैन हटाने की मांग कर रहे हैं। चेन्नई के मरीना बीच पर हजारों लोग जमा हो गए हैं।  रजनीकांत, विजय, सूर्या जैसे फिल्म स्टारों ने भी लोगों की मांग का समर्थन किया है।

प्रदर्शनकारियों की तीन मुख्य मांगें हैं. 1- जलीकट्टू पर से बैन हटाया जाए. 2-सीएम की तरफ से बयान दिया जाए. 3-पेटा पर प्रतिबंध लगाया जाए।

तमिलनाडु में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहा है. चेन्नई, मदुरे और कोयंबटूर में हो रहा प्रदर्शन आज भी जारी रहा। वहीं नमक्कल में वकीलों ने अदालत का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया है। प्रदर्शनकारियों में खासतौर पर युवाओं की संख्या ज्यादा है जो पोंगल पर जलीकट्टू आयोजित नहीं हो पाने से गुस्से में हैं।किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए भारी संख्या में पुलिस तैनात है। लोगों का गुस्सा पेटा के खिलाफ भी है जिसकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में जल्लीकट्टू पर बैन लगाने का फरमान सुनाया था।

मद्रास हाई कोर्ट ने का कहना है कि वह जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध के विरोध में शहर में चल रहे प्रदर्शनों के मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा क्योंकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।

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