पुखरायां: इंदौर-पटना ट्रेन हादसे के बाद अनेक स्वयंसेवी संस्थाओं ने घायलों और पीड़ित व्यक्तियों की काफी मदद की। इनमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, गायत्री परिवार और कई सिख संगठनों के लोगों के साथ साथ कानपुर देहात के समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता भी शामिल थे।
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इन्होंने देर रात तक घटनास्थल पर ट्रेन यात्रियों और वहां काम कर रहे कर्मचारियों, अधिकारियों, पुलिसकर्मियों और पत्रकारों को बिस्किट, पानी, चाय और केले बांटे। यही नहीं, इन लोगों ने सोमवार की सुबह अस्पतालों में जाकर घायल यात्रियों और उनके परिजनों को चाय-बिस्किट आदि बांटा। ये स्वयंसेवी संस्थायें और कुछ बुजुर्ग बिना किसी सरकारी मदद के स्वेच्छा से काम कर रहे हैं और लाख पूछने पर भी अपने नाम नहीं बता रहे हैं। चाय नाश्ता बांटने वाले लोग किसी भी घायल मरीज का नाम और धर्म नही पूछ रहे हैं बल्कि बिना कुछ कहे घायलों और उनके परिजनो की मदद कर रहे हैं।
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रविवार को दोपहर में घटनास्थल पर हाफ पैंट पहने RSS के करीब एक दर्जन कार्यकर्ता वहां मौजूद घायलों के परिजनों को पानी के पाउच, बोतलें और केले बांट रहे थे। कुछ संघ कार्यकर्ता घायलों का सामान ट्रेन की बोगियों से निकाल कर एक स्थान पर जमा करते देखे गये। इसके अलावा उन्हें कानपुर देहात के माती जिला अस्पताल, कानपुर शहर के हैलट और उर्सला अस्पताल में मरीजो और उनके परिजनों को सोमवार सुबह चाय और बिस्किट बांटते देखा गया।
संघ के स्वयंसेवकों के अलावा समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता, गायत्री परिवार की करीब आधा दर्जन महिलाएं, सिख समाज के लगभग एक दर्जन कार्यकर्ता और अन्य लोग ट्रेन दुर्घटना के पीड़ितों और उनके परिजनों की मदद में लगे हुए थे। हैरानी की बात यह रही कि इनमें से कोई भी पूछने पर अपना नाम नहीं बता रहा था। इन लोगों की मदद ने पीड़ितों और उनके परिजनों के दुख को कुछ कम करने में अहम भूमिका निभाई।