नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद करीब 18 लाख लोगों ने 4.17 लाख करोड़ रुपये की संदिग्ध राशि बैंक खातों में जमा कराई है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने आज यह जानकारी दी। चंद्रा ने बजट बाद संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि इन लोगों का आंकड़ा आयकर विभाग के पास है। इनमें से 13 लाख लोगों को ईमेल और एसएमएस के जरिये सवाल भेजकर पूछताछ की गई है।
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उन्होंने कहा, हमने 18 लाख लोगों द्वारा बैंक खातों में 4.17 लाख करोड़ रुपये की संदिग्ध राशि जमा कराने का पता लगाया है। 10 लाख का एक और आंकड़ा भी तैयार है। हम चाहते हैं कि यह पूर्ण हो जाए। आज हमने 13 लाख लोगों को इस बारे में एसएमएस या ईमेल भेजकर जवाब मांगा है।
शेष पांच लाख लोगों को स्वच्छ धन अभियान के तहत कल एसएमएस और ईमेल भेजकर स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। उन्होंने कहा कि सीबीडीटी कर दायरे से बाहर के लोगों को इससे दायरे में लाने के लिए तेजी से काम कर रहा है। इन 18 लाख जमाकर्ताओं पर सूचना सीबीडीटी के स्वच्छ धन अभियान का हिस्सा है। इसमें 8 नवंबर को 500 और 1,000 का नोट बंद करने के बाद जमा की गई राशि पर कर चोरी का पता लगाने के लिए आंकड़ा विश्लेषण तथा करदाता प्रोफाइल का इस्तेमाल किया गया है।
चंद्रा ने कहा कि आयकर विभाग ने 18 लाख ऐसे लोगों की पहचान की है जिन्होंने नोटबंदी के बाद बैंक खातों में संदिग्ध जमा किया है। उन्होंने इससे पहले इसी सप्ताह कहा था कि लोगों को ईमेल का जवाब देने के लिए 10 दिन का समय दिया जाएगा। इस बारे में जवाब आयकर विभाग के ई फाइलिंग पोर्टल पर लॉग इन कर किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि 18 लाख करदाताओं का आंकड़ा ई फाइलिंग पोर्टल पर डाला गया है। इन लोगों को जवाब देते समय जमा का स्रोत बताना होगा।