Wednesday, April 24, 2024
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दिवाली पर कार और होमलोन सस्ता होने की उम्मीद घटी, RBI ने ब्याज दरों में कटौती नहीं की

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अनुमान के मुताबिक अपनी क्रेडिट पॉलिसी में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है। रेपोरेट को 6 फीसदी, रिवर्स रेपो रेट को 5.75 फीसदी और MSF को 6.25 फीसदी पर स्थिर रखा गया है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 04, 2017 15:55 IST
RBI- India TV Hindi
RBI

मुंबई। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अनुमान के मुताबिक अपनी क्रेडिट पॉलिसी में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है। रेपोरेट को 6 फीसदी, रिवर्स रेपो रेट को 5.75 फीसदी और MSF को 6.25 फीसदी पर स्थिर रखा गया है। हालांकि वित्तवर्ष 2017-18 में ग्रोथ अनुमान को 7.3 फीसदी से घटाकर 6.7 फीसदी कर दिया है। बाजार क्रेडिट पॉलिसी में इस तरह के आंकड़ों का अनुमान लगा रहा था।

RBI की इस पॉलिसी के बाद दिवाली से पहले, होमलोन और कारलोन पर ब्याज की दरों में कमी आने की उम्मीद घट गई है। जिस तरह से RBI ने पॉलिसी दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है उसी तरह बैंकों की तरफ से भी आने वाले दिनों में कर्ज की दरों में किसी तरह का बदलाव होने की उम्मीद कम है। मंगलवार को सरकार की तरफ से पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज कटौती के बाद उपभोक्ताओं को जेब पर बोझ कम होने की खुशी मिली थी उसे RBI की पॉलिसी ने कुछ कम किया है।

RBI ने हालांकि SLR दरों को 20 फीसदी से घटाकर 19.5 फीसदी करने का फैसला किया है। इस कटौती से लंबी अवधि में बैकों को कर्ज की दरों में कटौती करने में कुछ मदद मिल सकती है। SLR वह रेश्यो होती है जो कुल संपत्ति के तौर पर बैंकों को मेंटेन रखनी पड़ती है।

RBI पॉलिसी की मुख्य बातें

  • ब्याज दरों में बदलाव नहीं , रेपो रेट 6%, रिवर्स रेपो रेट 5.75% और MSF 6.25% पर स्थिर, लेकिन SLR को 50 बेसिस  प्वाइंट घटाकर 19.5% किया
  • 207-18 की दूसरी छमाही के दौरान महंगाई दर के अनुमान को 4-4.5% से बढ़ाकर 4.2-4.6% किया
  • मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी ने फिलहाल पॉलिसी की दिशा को न्यूट्रल बनाए रखने पर सहमति जताई
  • फ्यूल महंगाई बढ़ने और खरीफ उत्पदान में कमी के अनुमान से महंगाई दर में बढ़ोतरी की आशंका
  • 2017-18 के लिए GVA ग्रोथ के अनुमान को 7.3 फीसदी से घटाकर 6.7 फीसदी किया
  • ऐसा लग रहा है कि GST के लागू होने के बाद अबतक खराब प्रभाव दिखा है
  • मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए छोटी अवधि का आउटलुक अनिश्चित
  • इनवेस्टमेंट एक्टिविटी को दोबारा शुरू होने में थोड़ी देरी हो सकती है
  • सितंबर तिमाही के दौरान कंज्यूमर कॉन्फिडेंस के साथ मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर का ओवरआल बिजनेस असेसमेंट कमजोर हुआ है
  • 2017-18 की दूसरी छमाही में ग्रोथ में रिकवरी आने की उम्मीद
  • GST से जुड़ी समस्याएं जल्द दूर होने की संभावना
  • मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की अगली बैठक 5-6 दिसंबर को होगी

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