Friday, April 19, 2024
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राम सेतु को ‘वानर सेना’ ने बनाया या है प्राकृतिक, पता लगाएगा आईसीएचआर

नयी दिल्ली: भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (आईसीएचआर) इस साल के आखिर में राम सेतु पर दो महीने की पायलट परियोजना चलाएगा जिसमें पुरातात्विक तरीके से यह पता लगाया जाएगा कि यह ढांचा प्राकृतिक रूप से

Bhasha Bhasha
Published on: March 25, 2017 13:18 IST
Ram Sethu- India TV Hindi
Ram Sethu

नयी दिल्ली: भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (आईसीएचआर) इस साल के आखिर में राम सेतु पर दो महीने की पायलट परियोजना चलाएगा जिसमें पुरातात्विक तरीके से यह पता लगाया जाएगा कि यह ढांचा प्राकृतिक रूप से बना था या मनुष्य ने इसे बनाया था। आईसीएचआर के अध्यक्ष वाई सुदर्शन राव ने यहां संस्थान में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि परियोजना की अवधि अक्तूबर से नवंबर तक रहेगी। उन्होंने कहा, हम जो बड़ी परियोजनाएं शुरू करने जा रहे हैं उनमें एक राम सेतु पायलट परियोजना है जिसमें यह पता लगाने का प्रयास किया जाएगा कि क्या ये ढांचे प्राकृतिक रूप से बने थे या मानव निर्मित हैं।

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जब राव से पूछा गया कि परियोजना किसने शुरू की तो उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह आईसीएचआर की पहल है लेकिन हम जरूरत पड़ने पर केंद्र से संपर्क कर सकते हैं। अध्यक्ष ने कहा कि इस टीम में एएसआई के पुरातत्व विशेषज्ञ, अनुसंधानवेत्ता, विश्वविद्यालयों के छात्र, समुद्र विशेषज्ञ और वैज्ञानिक शामिल होंगे।

राव के मुताबिक, एक राष्ट्रीय चयन प्रक्रिया में विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्रों तथा विद्वानों को इस टीम के लिए चुना जाएगा। उन्होंने कहा, हम मई या जून में समुद्र के पुरातत्व विज्ञान के इतिहास पर दो सप्ताह की कार्यशाला का आयोजन करने जा रहे हैं। इसमें हम ऐसे विद्वानों, छात्रों और प्रशिक्षकों की पहचान करेंगे जो इस महत्वाकांक्षी परियोजना का हिस्सा हो सकते हैं।

क्या अनुसंधान के निष्कर्षों की तुलना रामायण में वर्णित चीजों से की जाएगी, इस पर राव ने कहा, हमारा उद्देश्य केवल पुरातात्विक महत्व से इसका अन्वेषण करना है। पुराणों के अनुसार राम सेतु, जिसे एडम्स ब्रिज भी कहा जाता है, का निर्माण भगवान राम की वानर सेना ने समुद्र पार करके लंका जाने के लिए किया था।

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