नई दिल्ली: राजीव गांधी सरकार पाकिस्ताचन के परमाणु कार्यक्रम का जवाब देने के लिए हाइड्रोजन बम तैयार कर रही थी। वर्ष 1985 में दोनों देशों के बीच में जारी तनाव के बीच ऐसा हुआ था। इस बात की जानकारी अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA की तरफ से जारी किए गए खुफिया दस्तावेजों में सामने आई है। CIA के इन दस्तावेजों से पता चलता है कि ये हाइड्रोजन बम साल 1974 में टेस्ट किए गए परमाणु बम से भी कई गुना ज्यादा शक्तिशाली था।
CIA ने इन दस्तावेजों को ऑनलाइन पोस्ट किया है। इनमें 1980 के दशक के दौरान भारत की परमाणु हथियारों की क्षमताओं के बारे में दिलचस्प जानकारी है। एक दस्तावेज में CIA ने कहा है कि उसे भारतीय सुरक्षा बहुत कड़ी होने के कारण भारत के परमाणु कार्यक्रम के बारे में विवरण हासिल करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।
CIA ने बताया है कि राजीव गांधी सरकार जिस हाइड्रोजन बम का परीक्षण करना चाहती थी, वह 11 वर्ष पहले इंदिरा गांधी सरकार की ओर से टेस्ट किए गए एक अन्य बम से कहीं अधिक शक्तिशाली था। भारत उस समय न्यूक्लियर टेक्नॉलजी के लिहाज से पाकिस्तान से कहीं आगे था।
हालांकि, राजीव गांधी सरकार ने हाइड्रोजन बम का परीक्षण नहीं किया। 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने परमाणु बम का परीक्षण किया था। पाकिस्तान ने भी इसके बाद ऐसे परीक्षण किए थे। CIA ने कहा है कि उसे 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ाई से पहले की गोपनीय जानकारी नहीं मिल सकी थी।