भोपाल: भोपाल गैस पीडि़तों के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल जब्बार ने जेल से फरार सिमी के आठ कार्यकर्ताओं की तलाश और मुठभेड़ में अहम भूमिका निभाने वाले पुलिसकर्मियों को मध्यप्रदेश सरकार द्वारा दो-दो लाख रुपये का इनाम देने के निर्णय की आज यहां आलोचना की।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक नवंबर को यहां हुए प्रदेश के स्थापना दिवस समारोह में पूरे घटनाक्रम में अहम भूमिका निभाने वाले मध्यप्रदेश पुलिस के अधिकारियों, सिपाहियों का सम्मान करने के अलावा उन्हें दो-दो लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की थी।
जब्बार ने आज कहा, इन इनामों को उचित ठहराने के लिये सरकार को इनकी घोषणा करने से पहले, घोषित जांच के परिणाम आने का इंतजार करना चाहिए था। उन्होंने कहा, सरकार अपनी साख के लिये जानी जाती है और यदि साख से समझौता किया जाएगा तो फिर कुछ नहीं बचता।
उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सरकार ने मुठभेड़ की पड़ताल के लिये कई तरह की जांच गठित की है। दूसरी ओर इसमें शामिल लोगों को इनाम और सम्मान दिये जा रहे हैं। सभी जांच पूरी होने और पूरे घटनाक्रम को लेकर उठे सवालों का जवाब मिलने तक इन्हें उचित नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने कहा, पुरस्कार घोषित करने में सरकार को थोड़ा इंतजार करना चाहिये था।
ट्रांसप्रेन्सी इंटरनेशनल के अजय दुबे ने भी सरकार द्वारा पुरस्कार घोषित करने के उद्देश्य पर सवाल उठाते हुए कहा कि घोषणा तब हुई है जब सरकार मुठभेड़ को लेकर आलोचना के घेरे में है।
उन्होंने कहा, सरकार को पुरस्कारों की घोषणा करने से पहले मुठभेड़ की जांच के लिये गठित न्यायिक जांच के निष्कर्ष का इंतजार करना चाहिये था। इसका असर यह होगा कि इस मामले में शामिल लोगों को क्लीन चिट हासिल हो जायेगी।