नई दिल्ली: क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसी से जान का खतरा है? ऐसी आशंका पिछले हफ्ते खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक सार्वजनिक कार्यक्रम में जता चुके है लेकिन आज तो योग गुरु बाबा रामदेव ने भी इसी तरह की आशंका जताई है। रामदेव ने तो इसे पीएम मोदी के नोटबंदी के फैसले से जोड़ दिया। तो क्या वाकई प्रधानमंत्री की जान को खतरा है? अगर ऐसा है, तो वे कौन लोग हैं जो प्रधानमंत्री के लिए खतरा बने हैं? (देश-विदेश की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें)
रामदेव ने किसकी ओर किया इशारा?
एक हफ्ते पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोवा के मंच से जिन आशंकाओं और खतरों का ज़िक्र छेड़ा था आखिर उस डर के पीछे क्या है? क्योंकि बाबा रामदेव को भी लगता है कि इतने ज़बरदस्त सुरक्षा कवच में रहने वाले पीएम मोदी को भी खतरा है।
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आखिर प्रधानमंत्री को किससे है जान का खतरा? आखिर ताकतवर लोगों से क्यों है पीएम को डर? इन सवालों के जवाब नोटबंदी के फैसले में छिपे हैं जिससे काले पैसे वालों का बेड़ा गर्क हुआ है? दरअसल पीएम के बयान के करीब हफ्तेभर के भीतर बाबा रामदेव को भी ऐसा ही लगने लगा। रामदेव ने तो सीधे-सीधे उन लोगों की तरफ इशारा भी कर दिया जो कि प्रधानमंत्री के लिए खतरा हो सकते हैं।
नोटबंदी के फैसले से कौन बेचैन?
बाबा रामदेव ने कहा कि पीएम मोदी को आतंकवादियों, जाली नोट का धंधा चलाने वालों, राजनीतिक माफिया और ड्रग माफिया से खतरा है। और इस खतरे की सबसे बड़ी वजह है पीएम मोदी का नोटबंदी का बड़ा फैसला जिसको लेकर ऐसा आकलन लगाया जा रहा है कि नोटबंदी से-
नोटबंदी से किसकी लुटिया डूबेगी?
- देश में करीब 3 लाख करोड़ रुपये की ब्लैक करेंसी खत्म होगी
- बैंकिंग सिस्टम में करीब 12 लाख करोड़ रुपये आएंगे
- रियल एस्टेट कारोबार में कालेधन पर लगाम लगेगी
- मकान करीब 25 फीसदी तक सस्ते हो सकते हैं
- शेयर बाजार और गोल्ड में कालेधन पर अंकुश लगेगा
- अब पीएम मोदी ने बेनामी संपत्ति को खंगालने का एलान किया है
जाहिर है जिनकी ब्लैक करेंसी नोटबंदी से रद्दी में तब्दील हो गई, जिनके रियल एस्टेट, शेयर बाजार या गोल्ड में लगे कालेधन पर नोटबंदी की चोट पड़ी है, वो बिलबिलाए तो ज़रूर होंगे। लेकिन सवाल ये है कि क्या ऐसे ही लोगों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी जान को खतरा बताया था?
देखिए वीडियो-
'वे जिंदा नहीं छोड़ेंगे, ताकतर लोग मेरे खिलाफ'
लेकिन ऐसा भी शायद पहली बार हो कि किसी प्रधानमंत्री ने भरी सभा में अपनी जान का ख़तरा बताया हो इसीलिए बात गोवा, गाजीपुर होते हुए संसद तक पहुंच गई। राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन सदन में सरकार से पूछ लिया--संसद को बताएं कि देश के पीएम को किससे खतरा है?
खुद पीएम ने अपने ऊपर ऐसे खतरे की आशंका जताई हो तो सवाल उठने लाजिमी हैं क्योंकि नोटबंदी का फैसला जितना राजनीतिक साहस से भरा है, उतने ही इसके जोखिम भी हैं। हालांकि पब्लिक की परेशानी का दौर जितना जल्दी खत्म होगा, जोखिम की गुंजाइश भी धीरे-धीरे उतनी ही कम होती जाएगी।