नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नोटबंदी के खिलाफ हाई कोर्टों और निचली अदालतों में याचिकाओं की सुनवाई पर रोक लगाने से फिलहाल इनकार कर दिया। साथ ही अदालत ने चेतावनी दी कि अगर परेशानी जारी रही तो दंगे हो सकते हैं। सरकार से इस परेशानी को दूर करने की बात कहते हुए देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा कि अगर यह परेशानी जारी रही तो 'हमें दंगे देखने पड़ सकते हैं, क्योंकि कतारों में घंटों खड़े रहने से लोग व्यग्र हो गए हैं।'
देश-दुनिया की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने विभिन्न हाई कोर्ट्स और लोवर कोर्ट्स में नोटबंदी के खिलाफ इस तरह की सभी प्रक्रियाओं पर रोक लगाने के लिए शीर्ष अदालत से अनुरोध किया। इस पर प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी.एस.ठाकुर और न्यायमूर्ति अनिल आर. दवे की पीठ ने कहा, ‘यह केवल बताता है कि समस्या बहुत गंभीर है। उन्हें अदालत आने से आप नहीं रोक सकते हैं। लोग पैसे पाने के लिए व्यग्र हैं। लोग प्रभावित हैं। सड़कों पर दंगे हो सकते हैं। उन्हें अदालत आने दीजिए।’ अदालत ने कहा कि सरकार लोगों की परेशानी और कठिनाई से इनकार नहीं कर सकती है। मामले की सुनवाई की शुरुआत में पीठ ने पूछा कि अमान्य नोटों को नए नोटों से बदलने की राशि की अधिकतम सीमा 4,500 रुपये से घटाकर 2,000 रुपये कैसे कर दी गई, जबकि सरकार से लोगों की परेशानी कम करने के लिए कदम उठाने को कहा गया था।
इन्हें भी पढ़ें:-
- नोटबंदी: अब पेट्रोल पंप तेल ही नहीं पैसा भी देगा, कार्ड स्वाइप करो, कैश लो
- जब जजों को भी नोट बदलवाने के लिए लाइन में लगना पड़ा
- यहां बैंक पहुंचने के लिए लोग करते हैं 60 किलोमीटर का सफर
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 25 नवंबर की तिथि निर्धारित की और महान्यायवादी से याचिकाओं को दिल्ली स्थानान्तरित करने के लिए याचिका दायर करने को कहा, जिस पर अदालत विचार करेगी। याचिकाकर्ताओं के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि 23 लाख करोड़ रुपये मूल्य की मुद्राएं मुद्रित होनी हैं। 14 लाख करोड़ रुपये मूल्य की मुद्राएं अमान्य घोषित की गई हैं और इनका कोई प्रतिस्थापन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि 9 लाख करोड़ मूल्य की मुद्राएं चलन में हैं। अटॉर्नी जनरल रोहतगी ने अदालत को बताया कि सरकार हर दिन और हर घंटे स्थिति पर निगरानी रख रही है। उन्होंने लोगों को सहूलियत देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी।
इन्हें भी पढ़ें:
- झारखंड: बुजुर्गों से जबर्दस्ती काला धन बदलवा रहे हैं नक्सली
- अखिलेश का PM मोदी से अनुरोध, '30 नवंबर तक चलने दें 500 के नोट'
- मोदी की गाजीपुर रैली में लोगों को पैसे देकर लाया गया: मायावती
- 500 और 1000 के पुराने नोट बदलने पर सरकार लगा सकती है पाबंदी: सूत्र
रोहतगी ने जब 2 लाख एटीएम, सवा लाख बैंक शाखाओं और उन पेट्रोल पंपों का जिक्र किया जहां से लोग पैसे निकाल सकते हैं तो सिब्बल ने कहा कि इनमें से 75000 एटीएम काम नहीं कर रहे हैं और ऐसे एटीएएम की संख्या बहुत अधिक है जिन्हें नई मुद्रा के अनुकूल नहीं बनाया गया है। रोहतगी ने सिब्बल के बयान को राजनीति से प्रेरित बताते हुए अदालत से कहा कि आप जाकर खुद भी देख सकते हैं कि कतारें छोटी हो गई हैं। जब सिब्बल अपनी बात पर कायम रहे तो रोहतगी ने पलटकर कहा, ‘मैंने आपकी (सिब्बल की) प्रेस कांफ्रेंस देखी है।’ सिब्बल कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता हैं। सुनवाई के दौरान पीठ ने पूछा कि 100 रुपये मूल्य के नोट क्यों नहीं उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस पर रोहतगी ने कहा कि चलन में 85 प्रतिशत नोट 500 और 1000 रुपये मूल्य के रहे हैं।