Friday, April 19, 2024
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आयुर्वेदिक उत्पादों पर GST की ऊंची दर से लोग कैसे महसूस करेंगे 'अच्छे दिन': पतंजलि

बाबा रामदेव की अगुवाई वाली पतंजलि आयुर्वेद जीएसटी की ऊंची दर से अप्रसन्न है। उसने सरकार से पूछा है कि बेहतर स्वास्थ्य के अधिकार के बिना लोग अच्छे दिन को कैसे महसूस और जी सकते हैं। कंपनी का कहना है कि आयुर्वेद उत्पाद के जरिये आम लोगों को सस्ती दर स्व

Bhasha Bhasha
Updated on: May 28, 2017 19:13 IST
baba ramdev- India TV Hindi
baba ramdev

नई दिल्ली: बाबा रामदेव की अगुवाई वाली पतंजलि आयुर्वेद जीएसटी की ऊंची दर से अप्रसन्न है। उसने सरकार से पूछा है कि बेहतर स्वास्थ्य के अधिकार के बिना लोग अच्छे दिन को कैसे महसूस और जी सकते हैं। कंपनी का कहना है कि आयुर्वेद उत्पाद के जरिये आम लोगों को सस्ती दर स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा सकती हैं।

उद्योग संगठन एसोसिएशन आफ मैनुफैक्चरर्स आफ आयुर्वेदिक मेडिसिन्स (एएमएएम) ने भी कहा कि एक तरफ जहां सरकार आक्रमक तरीके से वैश्विक स्तर पर आयुर्वेद को बढ़ावा दे रही है वहीं जीएसटी के तहत अधिक कर से कुदरती दवाएं महंगी होंगी तथा आम लोगों की पहुंच से बाहर हो जाएंगी।

संगठन ने कहा कि प्रस्तावित 12 प्रतिशत के बजाए परंपरागत आयुर्वेदिक या जेनेरिक दवाएं शून्य और पेटेंटशुदा उत्पादों के लिये 5 प्रतिशत होना चाहिए। फिलहाल आयुर्वेदिक दवाएं और उत्पादों वैट समेत कुल कर प्रभाव 7 प्रतिशत है जो औषधि पर निर्भर है। जीएसटी व्यवस्था के तहत इन औषधियों पर 12 प्रतिशत कर रखा गया है।

पतंजलि आयुर्वेद लि. तथा पतंजलि योगपीठ के प्रवक्ता एस के तिजारावाला ने ई-मेल के जरिये पीटीआई भाषा को दिये सवालों के जवाब में कहा, आयुर्वेदिक श्रेणी पर उच्च जीएसटी दर से हमें अचंभा हुआ और यह हमारे लिये निराशाजनक तथा दु:खद है।

उन्होंने आगे कहा कि आयुर्वेद आम लोगों को सस्ती दर पर इलाज सुविधा उपलब्ध कराता है, यह सदियों से इलाज का परखा का हुआ जरिया है। ऐसे में उच्च कर लगाना उपयुक्त नहीं है।

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