नई दिल्ली: भारत-पाक संबंधों में जारी तल्खी के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि भारत अकेले पाकिस्तान के साथ शांति के पथ पर आगे नहीं बढ़ सकता है और पड़ोसी देश अगर द्विपक्षीय वार्ता शुरू करना चाहता है तब उसे आतंकवाद से अलग होना होगा।
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चीन का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दो बड़े पड़ोसी शक्तियों के बीच कुछ मतभेद असामान्य बात नहीं है लेकिन दोनों पक्षों को संवेदनशीलता और मुख्य चिंताओं एवं हितों पर एक दूसरे प्रति सम्मान का भाव दिखाना चाहिए।
तीन दिवसीय रायसीना वार्ता के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने ये बातें कहीं जिसमें दुनियाभर से शीर्ष विदेश और सुरक्षा विशेषज्ञ हिस्सा ले रहे हैं।
पाकिस्तान के साथ संबंधों के बारे में मोदी ने कहा कि पाकिस्तान के सफर का पथ भी शांति का होना चाहिए। भारत का रूख धर्म को आतंकवाद से अलग करने तथा अच्छे एवं बुरे आतंकवाद के कृत्रिम वर्गीकरण को खारिज करने का है और अब दुनिया में इसकी चर्चा हो रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा, भारत अकेले शांति के पथ पर नहीं चल सकता है । यह पाकिस्तान के सफर का मार्ग भी होना चाहिए। पाकिस्तान अगर भारत के साथ वार्ता करना चाहता है तब उसे आतंकवाद से अलग होना होगा।