नई दिल्ली: सीमा सुरक्षा बल (BSF) के महानिदेशक केके शर्मा ने आज कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगी देश की सीमा पर बहुस्तरीय स्मार्ट बाड़ लगाने का काम अगले साल के आखिरी हिस्से में संपन्न हो जाएगा, जिसके बाद ये दोनों संवेदनशील सीमाएं जवानों के निरंतर गश्त लगाने की व्यवस्था से मुक्त हो जाएंगी।
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शर्मा ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद से बीएसएफ एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली (सीआईबीएमएस) को क्रियान्वित कराने के लिए काम कर रही है और इसके बाद इन दोनों संवेदनशील और मुश्किल इलाकों वाली सीमाओं की सुरक्षा जवानों की नियमित गश्ती वाली व्यवस्था से आगे बढ़कर त्वरित प्रतिक्रिया बल वाली व्यवस्था में तब्दील हो जाएगी जहां सुरक्षा गार्ड निगरानी रडारों से घुसपैठ का पता चलते ही धावा बोल देंगे।
उन्होंने कहा, हम सीमा पर बाड़ को आधुनिक बनाने के लिए कुछ ठोस प्रयास कर रहे हैं। 20 बड़ी कंपनियां मौजूदा समय में सीआईबीएमएस का तकनीकी आकलन कर रही हैं। उम्मीद है कि यह व्यवस्था अगले साल के दूसरे हिस्से में जमीन पर दिखेगी। बीएसएफ प्रमुख ने कहा, इस संदर्भ में कुछ पायलट परियोजनाएं पहले से ही चल रही हैं...जम्मू में दो और पंजाब एवं गुजरात में एक एक परियोजनाएं चल रही है। असम के धुबरी में एक परियोजना शुरू होगी।
उन्होंने कहा कि 2.5 लाख सुरक्षा गार्ड वाली बीएसएफ को आधुनिक बनाये जाने का प्रयास है क्योंकि मानवीय स्तर पर कुछ कमजोरियां निहित होती हैं लेकिन उपकरणों एवं गजट बहुस्तरीय ढंग से काम करते हैं।
शर्मा ने कहा कि सीआईबीएमएस के शुरू होने के बाद सीमा पर तैनात जवानों को उसी वक्त प्रतिक्रिया देनी होगी जब बहुस्तरीय सुरक्षा घेरे में घुसपैठ को लेकर अलार्म का पता चलेगा।