Saturday, April 27, 2024
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ओडिशा: पत्नी का शव कंधे पर लेकर मीलों चला व्यक्ति, जांच का आदेश

ओडिशा के कालाहांडी जिले में एक चौंकाने वाली घटना में एक आदिवासी को अपनी पत्नी के शव को कंधे पर लादकर अपने घर तक जाना पड़ा क्योंकि अस्पताल प्रशासन ने उसे मुर्दाघर की गाड़ी या एंबुलेंस देने से इनकार कर दिया था। जिला प्रशासन ने गुरुवार को मामले की जांच

India TV Lifestyle Desk India TV Lifestyle Desk
Updated on: August 25, 2016 19:41 IST
odisha- India TV Hindi
Image Source : PTI odisha

भुवनेश्वर: ओडिशा के कालाहांडी जिले में एक चौंकाने वाली घटना में एक आदिवासी को अपनी पत्नी के शव को कंधे पर लादकर अपने घर तक जाना पड़ा क्योंकि अस्पताल प्रशासन ने उसे मुर्दाघर की गाड़ी या एंबुलेंस देने से इनकार कर दिया था। जिला प्रशासन ने गुरुवार को मामले की जांच का आदेश दिया। कालाहांडी की जिला कलेक्टर ब्रुंदा डी. ने आईएएनएस को बताया, "मैने उप प्रभागीय मजिस्ट्रेट को इस मामले की जांच करने और गुरुवार शाम तक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। उसके बाद हम इस घटना पर अगली र्कारवाई करेंगे।"

 

कलेक्टर ने कहा, "प्रारंभिक जांच के अनुसार जनजातीय व्यक्ति ने अस्पताल प्रशासन को सूचित किए बिना ही शव को ले लिया। यहां तक कि चिकित्सकों ने शव को अस्पताल से ले जाने की प्रक्रिया भी पूरी नहीं की थी।"

दीना मांझी को अपनी पत्नी के शव को कंधे पर लादकर 10 किलोमीटर तक चलकर जाना पड़ा क्योंकि उसे अस्पताल प्रशासन की ओर से मुर्दाघर की गाड़ी या एंबुलेंस मुहैया नहीं कराई गई। इस दौरान उसके साथ उसकी बेटी भी थी।

भवानीपटना के जिला मुख्यालय के अस्पताल में बुधवार को उसकी पत्नी अमंग का तपेदिक के कारण निधन हो गया था।

मांझी ने बताया कि उसे अपनी पत्नी का शव एक कपड़े में लपेटकर अपने कंधे पर लेकर जाना पड़ा क्योंकि उसे एंबुलेंस नहीं दी गई।

मांझी ने कहा, "अस्पताल प्रशासन ने कहा कि उनके पास कोई गाड़ी नहीं है। मैंने उनसे कहा कि मैं गरीब हूं और अपनी पत्नी का शव ले जाने के लिए गाड़ी की व्यवस्था नहीं कर सकता। लेकिन, विनती करने के बाद भी उन्होंने कहा कि वे मेरी कोई मदद नहीं कर सकते।"

अपनी पत्नी के शव को कंधे पर लादे वह भवानीपटना से 60 किलोमीटर दूर अपने गांव मेलघारा के रामपुर ब्लॉक की ओर जा रहा था। कुछ स्थानीय पत्रकारों ने जब उसे इस हालत में देखा, तब तक वह 10 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर चुका था।

पत्रकारों ने शव को उसके घर तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस का इंतजाम किया।

बीजू जनता दल सरकार ने सरकारी अस्पतालों और सरकार से संबद्ध अस्पतालों से शवों को मृतक के घर तक पहुंचाने के लिए वाहन की व्यवस्था करने के लिए इस साल फरवरी में महापरायण योजना शुरू की थी।

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