नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा नोटबंदी करने के बाद भले ही 1000 और 500 के पुराने नोट रद्दी हो गए हो लेकिन ओडिशा के नुआपाडा जिले में रहने वाले 17 साल के छात्र का दावा है कि वो पुराने 500 रुपए के नोटों से बिजली पैदा कर सकता है। छात्र के इस आविष्कार ने राष्ट्रीय स्तर पर सबका ध्यान खींचा है। वहीं प्रधानमंत्री कार्यलय ने राज्य के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग को इस प्रोजेक्ट के बारे में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दे दिए हैं। (ये भी पढ़ें: भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा स्टेनलेस स्टील उत्पादक बना, जापान को पछाड़ा)
अपने प्रोजेक्ट के बारे में खरिअर कॉलेज के छात्र लख्मण दुन्डी का कहना है कि वो एक 500 रुपए के नोट से 5 वोल्ट तक की बिजली पैदा कर सकते हैं। डुंडी ने बताया, नोट को फाड़ने पर इसमें लगी सिलिकॉन की परत दिखाई देने लगे। इसके बाद उन्होंने नोट को धूप में रख दिया और बाद में सिलिकॉन की परत को ट्रांसफॉर्मर से जोड़ दिया। छात्र का दावा है कि इससे बिजली पैदा की जा सकती है।
बता दें कि 12 अप्रैल को प्रधानमंत्री कार्यालय ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर डुंडी के दावे की सच्चाई जानने के लिए कहा था। डुंडी ने बताया, मैंने एक ट्रांसफॉर्मर बनाया है जो सिलिकॉन प्लेट से पैदा किए गए चार्ज को स्टोर कर सकता है। अगर प्रधानमंत्री कार्यालय मेरे इस आविष्कार को पसंद करता है तो मेरे लिए गर्व की बात होगी। वह आगे कहते हैं कि नोटबंदी के बाद, मैंने प्रतिबंधित नोटों का उपयोग करने का अच्छा तरीका खोजने की कोशिश की। मैंने एक नोट फाड़ा तो उसमें सिलिकॉन प्लेट मिली। वहां से मैंने अपना शोध शुरू किया और बिजली पैदा करने में कामयाब हुआ।
उन्हें प्रोजेक्ट के यहां तक पहुंचने में 15 दिनों का समय लगा। लक्ष्मण डुंडी ने अपना यह प्रॉजेक्ट अब तक सिर्फ अपने कॉलेज में दिखाया है। उसने बताया कि जब किसी ने प्रॉजेक्ट पर ध्यान नहीं दिया तो मैंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखा। बता दें कि लख्मण एक किसान का बेटे हैं जो बल्ब बेचकर परिवार का खर्च चलाने में मदद करते हैं।
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