नयी दिल्ली: नोटबंदी पर विपक्ष के बढ़ते विरोध के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को एक बार फिर मोदी सरकार के इस फैसले का समर्थन किया और कहा कि यह सकारात्मक कदम है और इसका फायदा होगा।
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जदयू की एक बैठक को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा, ''यह नोटबंदी एक सकारात्मक कदम है और इसका फायदा होगा। ऐसा होगा।' हालांकि, इस मुद्दे पर पार्टी के भीतर मतभेद उभर कर सामने आए हैं जब जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने नोटबंदी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा।
भ्रष्टाचार और कालाधन को बड़ा पाप और घाव करार देते नीतीश कुमार ने कहा कि इसका खात्मा किया जाना चाहिए। कड़े कदम उठाने होंगे। इसलिए हमने इस कदम का समर्थन किया है। यह सकारात्मक शुरूआत है। जदयू अध्यक्ष ने नोटबंदी को लागू किये जाने को लेकर आलोचना से भी बचने का प्रयास किया जिसकी विपक्ष पुरजोर आलोचना कर रहा है। हालांकि उन्होंने कहा कि नोटबंदी से कालाधन समाप्त नहीं होगा।
नीतीश ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से तत्काल बेनामी सम्पत्ति पर लगाम लगाने की शुरूआत करने और सोना, हीरा के रूप में कालाधन की जमाखोरी करने वालों को निशाना बनाने को कहा। उन्होंने कहा, 'मुद्रा का एक बड़ा हिस्सा कालाधन है लेकिन कुल कालाधन इससे कहीं अधिक है। देश का धन विदेशों में जमा है और उसे भी वापस लाया जाना चाहिए।'
विपक्ष जहां इसका विरोध कर रहा है, वहीं नीतीश कुमार नोटबंदी का समर्थन कर रहे हैं। कुमार की यह टिप्पणी तब सामने आई है जब शरद यादव ने इस मुद्दे पर मोदी सरकार को निशाना बनाया। शरद यादव ने आरोप लगाया कि इस फैसले का मकसद बैंकों को उबारना है जिसका 8.5 लाख करोड़ रूपया गैर निष्पादित आस्ति (एनपीए) के रूप में डूब रहा है और इसका लक्ष्य कालाधन पर प्रहार नहीं है।
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