Thursday, April 25, 2024
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छत्तीसगढ़: सुकमा में 300 नक्सलियों ने किया हमला, CRPF के 25 जवान शहीद

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सोमवार को हुए इस वर्ष के सर्वाधिक रक्तरंजित नक्सली हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 25 जवान शहीद हो गए, और 6 अन्य जवान घायल हैं, जिनका रायपुर के दो अस्पतालों में इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि नक्सलियों की त

IndiaTV Hindi Desk IndiaTV Hindi Desk
Updated on: April 25, 2017 11:28 IST
sukma naxal attack- India TV Hindi
sukma naxal attack

रायपुर: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सोमवार को हुए इस वर्ष के सर्वाधिक रक्तरंजित नक्सली हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 25 जवान शहीद हो गए, और 6 अन्य जवान घायल हैं, जिनका रायपुर के दो अस्पतालों में इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि नक्सलियों की तादाद करीब 300 थी। उन्होंने सीआरपीएफ जवानों के हथियार भी लूटे।

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CM रमन सिंह ने की  आपातकालीन बैठक

इस नक्सली हमले के बाद छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह ने अपना दिल्ली दौरा बीच में ही रोक दिया। रमन सिंह अब रायपुर पंहुचे जहां पर उन्होंने अफसरों के साथ आपातकालीन मीटिंग बुलाई। केंद्रीय गृहराज्य मंत्री हंस राज अहीर भी आज रायपुर गए और हालात का जायजा लिया।

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केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने कहा है कि यह घातक हमला अपराह्न् 12.30 बजे उस समय हुआ, जब 14वीं बटालियन चिंतागुफा के पास काला पाथर में बुरकापाल जंगली इलाके में पहुंची थी। सीआरपीएफ के उपमहानिरीक्षक एम. दिनाकरन ने कहा कि सबसे पहले 11 शव बरामद हुए और 12वें जवान ने यहां एक अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। उसके बाद इलाके में चलाए गए तलाशी अभियान में 14 और शव बरामद हुए।

सुकमा के एएसपी जितेंद्र शुक्ला ने कहा, "अत्याधुनिक हथियारों से लैस लगभग 300 नक्सलियों ने बुरकापाल में अपराह्न् 1.30 बजे सीआरपीएफ के जवानों पर घात लगाकर हमला किया। इसमें 26 जवान शहीद हो गए और 6 जवान घायल हुए हैं। तीन घायलों को रायपुर के रामकृष्ण केयर अस्पताल और तीन को बालाजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।"

घायलों में सहायक उपनिरीक्षक आर.पी. हेम्ब्रम और कॉन्स्टेबल स्वरूप कुमार, मोहिंदर सिंह, जितेंद्र कुमार, शेर मोहम्मद और लाटू ओरांव शामिल हैं। शुक्ला ने कहा कि इस दौरान जवानों ने भी करीब एक दर्जन नक्सलियों को मार गिराया है। शुक्ला ने कहा, "हमले में बड़ी संख्या में महिला नक्सली भी शामिल थीं। इनके पास पहली बार अंडर बैरल ग्रेनेड लांचर जैसे घातक हथियार भी थे। जिसके कारण नक्सलियों ने वहां जमकर तबाही मचाई।"

इलाज के लिए रायपुर लाए गए घायल जवान शेख मोहम्मद ने भी ऐसा ही दावा किया है। उन्होंने कहा, "रोड ओपनिंग के लिए सीआरपीएफ के 74वीं बटालियन के कुल 90 जवान निकले थे। नक्सलियों ने दो अलग-अलग जगहों पर घात लगा रखा था। हमला इतना जोरदार था कि जवानों को संभलने का मौका नहीं मिला।"

मोहम्मद ने कहा कि तीन घंटे तक लगातार गोलीबारी जारी रही। कथित तौर पर नक्सलियों ने इस दौरान बारुदी सुरंग में भी विस्फोट किया। हमले में घायल इंस्पेक्टर रघुवीर सिंह ने बताया कि नक्सलियों के हमले का तरीका बिल्कुल पुराना था।

उन्होंने कहा, "इस बार भी उन लोगों ने ग्रामीणों को ही अपना ढाल बनाया। उन्हीं के माध्यम से रेकी करवाई और इतनी बड़ी वारदात को अंजाम दिया। हालांकि हमने भी नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया और 12 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया है।"  इस बीच, बस्तर के आईजी, विवेकानन्द सिन्हा और डीआईजी सुंदरराज पी. सुकमा रवाना हो गए हैं।

उल्लेखनीय है कि इसके पहले 2010 में इसी इलाके से थोड़ी दूर चिंतागुफा नामक स्थान पर नक्सली हमले में 76 जवान शहीद हुए थे। उसके बाद से अब तक का यह दूसरा सबसे बड़ा हमला है।

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