मैसूर: मैसूर राजघराने में 40 साल बाद शादी का मौका आया तो घर परिवार और राजघराने के सगे संबंधियों के साथ साथ करीब साढ़े 500 लोग इस ऐतिहासिक शादी के गवाह बने।आज यहां वाडियार राजघराने के राजा यदुवीर कृष्णदत्त की शादी राजस्थान के डूंगरपुर राजघराने की राजकुमारी त्रिशिका से हुई। इस राजघराने में पिछले 400 साल से राजा-रानी को बेटा नहीं हुआ है। यदुवीर को भी महारानी ने गोद लिया था जिसके बाद पिछले साल उनका राजतिलक हुआ था।
400 साल से राजा-रानी को क्यों नहीं हुआ बेटा ?
ऐसा माना जाता है कि 1612 में साउथ के सबसे शक्तिशाली विजयनगर साम्राज्य के पतन के बाद वाडियार राजा के आदेश पर विजयनगर की अकूत धन संपत्ति लूटी गई थी। उस वक्त विजयनगर की तत्कालीन महारानी अलमेलम्मा हार के बाद एकांतवास में थीं। लेकिन उनके पास काफी सोने, चांदी और हीरे-जवाहरात थे। वाडियार ने महारानी के पास दूत भेजा कि उनके गहने अब वाडियार साम्राज्य की शाही संपत्ति का हिस्सा हैं इसलिए उन्हें दे दें।
अलमेलम्मा ने जब गहने देने से इनकार किया तो शाही फौज ने जबरन खजाने पर कब्जे की कोशिश की। इससे दुखी होकर अलमेलम्मा ने कथित तौर पर श्राप दिया था कि जिस तरह तुम लोगों ने मेरा घर ऊजाड़ा है उसी तरह तुम्हारा देश वीरान हो जाए। इस वंश के राजा-रानी की गोद हमेशा सूनी रहे। इसके बाद अलमेलम्मा ने कावेरी नदी में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। (ऐसा कहा जाता है लेकिन हम इस बात की पुष्टि नहीं करते)
तस्वीरों में जानिए कौन हैं मैसूर के 27वें राजा यदुवीर?
40 साल बाद आया शादी का मौका
मैसूर राजघराने में 40 साल बाद शादी की शहनाई बजी है। इससे पहले अम्बा विलास राजमहल मे दिवंगत महाराज श्रीकांतदत्त नरसिम्हराज वडियार ने 1976 में प्रमोदा देवी से शादी की थी।