नई दिल्ली: दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार फिर विवादों में है। सरकारी ऑडिटर सीएजी (कैग - नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक) की सख्त भाषा में लिखी गई एक रिपोर्ट से आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा शासन संभालने के पहले साल में चलाए प्रचार अभियान पर ढेरों सवाल खड़े हो गए हैं।
सीएजी ने अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए केजरीवाल पर आरोप लगाए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार द्वारा एक ही विज्ञापन अभियान पर खर्च की गई रकम, यानी 33.4 करोड़ रुपये, का 85 फीसदी हिस्सा दिल्ली के बाहर खर्च किया गया। रिपोर्ट के अनुसार आप ने सत्ता के पहले साल में विज्ञापन पर जमकर खर्चा किया। 55 पन्नों की रिपोर्ट में सीएजी ने दिल्लीस सरकार पर टेलीविजन विज्ञापनों पर जनता के धन का इस्तेसमाल करने का आरोप लगाया है।
सीएजी ने रिपोर्ट जारी करते हुए बताया है कि केजरीवाल सरकार ने पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना करने और उन्हें कोसने में ही तकरीबन 70 लाख रुपए खर्च कर दिए हैं। सीएजी की यह नई रिपोर्ट आम आदमी पार्टी के विज्ञापनों पर धुआंधर और बेहिसाब खर्च करने की ओर इशारा करती है।
रिपोर्ट में पाया गया है कि आम आदमी पार्टी सरकार ने विज्ञापनों पर कुल 526 करोड़ रुपए खर्च किए हैं और उनमें से 100 करोड़ से भी ज्यादा का हिसाब नहीं दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक आप सरकार के विज्ञापनों में किए गए उस दावे के समर्थन में भी कोई सबूत नहीं मिलता कि उन्होंने सिर्फ 20 लाख रुपये में डिस्पेन्सरी का निर्माण करवा दिया, जबकि पिछली सरकारें इस काम में पांच करोड़ रुपये खर्च करती रही हैं। वहीं, अभी तक दिल्ली सरकार की तरफ से सीएजी की रिपोर्ट को लेकर कोई बयान जारी नहीं किया गया है।
दिल्ली विधानसभा में बुधवार को आम आदमी पार्टी तथा बीजेपी के बीच बहस भी हुई, जिसमें बीजेपी ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी इस रिपोर्ट को 'असंवैधानिक तरीके से छिपा रही है', जिसमें विज्ञापनों में 'जनता के पैसे का बर्बाद किया जाना उजागर होता है', और वे इसके लिए सीबीआई जांच की मांग करेंगे।
इस पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, "सरकार को अब तक सीएजी की रिपोर्ट नहीं मिली है, हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है, हम रिपोर्ट को सदन के पटल पर रखेंगे।"