Wednesday, April 24, 2024
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जस्टिस कर्णन ने सुप्रीम कोर्ट के जजों से की 14 करोड़ हर्जाने की मांग

नई दिल्ली: कोलकाता हाईकोर्ट के जज जस्टिस सीएस कर्णन ने 'मानसिक प्रताड़ना और सार्वजनिक अपमान' के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश समेत संवैधानिक पीठ से 14 करोड़ रुपए का हर्जाना मांगा है। बता दें कि

India TV News Desk India TV News Desk
Updated on: March 17, 2017 11:47 IST
Justice Karnan- India TV Hindi
Justice Karnan

नई दिल्ली: कोलकाता हाईकोर्ट के जज जस्टिस सीएस कर्णन ने 'मानसिक प्रताड़ना और सार्वजनिक अपमान' के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश समेत संवैधानिक पीठ से 14 करोड़ रुपए का हर्जाना मांगा है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के जज जस्टिस सीएस कर्णन को कोर्ट में पेश न होने के चलते वारंट जारी किया है और 10,000 रुपए का निजी बॉन्ड भरने का भी आदेश दिया है।

जस्टिस कर्णन ने अपनी ओर से भेजे गए दो पेज के पत्र में कहा है- इस कार्यवाही से मेरी नॉर्मल लाइफ और माइंड को डिस्टर्ब कर दिया है। जजों के लीगल नॉलेज के अभाव में 120 करोड़ की आबादी में मेरी प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंची है। चिट्ठी में कहा गया है कि जजों को सात दिनों के अंदर जजों को हर्जाना देना चाहिए।

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने अवमानना के एक मामले में उपस्थित नहीं होने को लेकर न्यायमूर्ति कर्णन के खिलाफ एक जमानती वारंट जारी किया था। न्यायमूर्ति कर्णन ने वारंट को लेकर शीर्ष न्यायालय पर पलवार करते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया और आरोप लगाया कि दलित होने के चलते उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।

ये है पूरा मामला

कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस सीएस कर्णन ने 23 जनवरी को पीएम मोदी को एक पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट और मद्रास हाईकोर्ट के जजों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। कर्णन ने पीएम को लिखे अपने पत्र में 20 जजों के नाम भी लिखे थे, और उनके खिलाफ करप्शन की जांच कराने की मांग की थी।

कर्णन के इस कदम के बाद इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 8 फरवरी को कर्णन के खिलाफ नोटिस जारी कर पूछा था कि क्‍यों ना उनके इस पत्र को कोर्ट की अवमानना माना जाए। खास बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के बाद भी जब कर्णन इस मामले में अदालत में पेश नहीं हुए तो मामले की सुनवाई को टाल दिया गया था।

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