Friday, April 19, 2024
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100 करोड़ की प्रॉपर्टी और मासूम बेटी को छोड़कर ले रही थी संन्यास, आयोग ने लगाई रोक

मध्य प्रदेश के नीमच के रहने वाले 35 साल के सुमित राठौड़ लंदन में जॉब करने के बाद अपने घर नीमच लौटकर अपना कारोबार संभाला और फिर अरबों के मालिक बन गए। उनकी पत्नी अनामिका इंजीनीयर है और नौकरी भी कर चुकी हैं। शादी के 4 साल बाद आज पति के ही साथ दीक्षा ले

India TV News Desk Written by: India TV News Desk
Published on: September 23, 2017 9:41 IST
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नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के नीमच में जैन समाज का जोड़ा अपनी तीन साल की बच्ची को छोड़कर संन्यास लेने जा रहा है। इसके साथ ही वो अपने पीछे 100 करोड़ रुपये की संपत्ति भी छोड़ रहे हैं। वहीं बाल आयोग ने पत्नी के संन्यास लेने पर रोक लगा दी है। दरसअल राठौड़ दम्पती न केवल 100 कड़ोड़ की संपत्ति बल्कि आपनी तीन साल की बेटी को छोड़ दीक्षा लेने जा रहे थे। महज तीन साल की बेटी का त्याग कर सन्यास लेने वाले दम्पती के खिलाफ बाल आयोग में शिकायत हुई थी जिसके बाद अधिकारियों से हुई बातचीत के बाद देर रात अनामिका राठौड़ की दीक्षा को रोक दिया गया है क्योंकि 3 साल की बच्ची इभ्या को माता की जरूरत अधिक होती है। ये भी पढ़ें: नेपाल में मिली हनीप्रीत की लाश, बाबा राम रहीम ने कराई हत्या?

मध्य प्रदेश के नीमच के रहने वाले 35 साल के सुमित राठौड़ लंदन में जॉब करने के बाद अपने घर नीमच लौटकर अपना कारोबार संभाला और फिर अरबों के मालिक बन गए। उनकी पत्नी अनामिका इंजीनीयर है और नौकरी भी कर चुकी हैं। शादी के 4 साल बाद आज पति के ही साथ दीक्षा ले रही थीं। पहले परिवार ने काफी समझाया। दीक्षा देने वाले साधुमार्गी जैन आचार्य रामलाल जी महाराज ने भी कोशिश की। बेटी का हवाला देकर संन्यास की इजाजत नहीं दी लेकिन सुमित और अनामिका अपने फैसले पर अडिग रहे। आखिरकार आज का दिन दीक्षा के लिए तय हुआ।

हालांकि सुमित का परिवार एक संयुक्त परिवार है लेकिन अभी तक ये तय नहीं हो पाया है कि उनकी बिटिया इभ्या अपने दादा-दादा के साथ रहेगी या फिर नाना-नानी के साथ। वहीं दीक्षा समारोह में आए रेलवे राज्य मंत्री मनोज सिंह ने जैन दम्पती के इस साहसिक कदम की तारीफ करते हुए कहा कि देश में आस्था-आध्यात्म का अलग महत्व है। इनकी जितनी प्रशंसा की जाये कम है। ऐसे लोगों का हृदय से अभिनंदन करते हैं।

शानो-शौकत, करोड़ों की संपत्ति को ठोकर मारकर संन्यासी बनने की ये कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी कई लोग ऐसे कदम उठा चुके हैं लेकिन सुमित और अनामिका के संन्यास लेने के इस फैसले पर सवाल उठ रहे हैं। सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि जब मासूम इभ्या को सबसे ज्यादा ज़रूरत माता-पिता की होगी तब वो उन्हें अपने आस-पास कभी नहीं पायेगी।

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