पटना: उत्तर प्रदेश के कानपुर के पास रविवार को इंदौर-पटना एक्सप्रेस ट्रेन हादसे में एक बूढी मां की छड़ी ने बिहार के मुजफ्फरपुर जिला के एक परिवार के 7 सदस्यों की जान बचाई। मुजफ्फरपुर के एक व्यवसायी मनोज चौरसिया का परिवार इंदौर से इस ट्रेन की बीएस1 बोगी में सवार होकर पटना आ रहा था।
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चौरसिया ने बताया कि उक्त ट्रेन हादसे के बाद क्षतिग्रस्त बोगी में फंस जाने पर हमने दुर्घटना के एक घंटे बाद अपनी मां की छड़ी से बोगी की खिड़की का शीशा तोड़ा और बोगी से बाहर आ पाए। मां की छड़ी ने पूरे परिवार की जान बचा ली। चौरसिया की बूढ़ी मां दहशत के कारण कुछ भी नहीं बोल सकीं। वह उस जान बचाने वाली छड़ी की मदद से चलती रही हैं। इस बोगी में उनके साथ सफर कर रही चौरसिया की पत्नी नंदनी ने बताया कि कोच के अटेंडेंट और कुछ अन्य यात्रियों की बोगी के भीतर ही मौत हो गई।
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चौरसिया की पत्नी ने कहा कि बचाव दल के वहां पहुंचने से पहले वे सब खिड़की का शीशा तोड़कर बाहर निकल गए। मौत उन्हें छू कर निकल गई। इस हादसे के बाद चौरसिया का परिवार भी विशेष ट्रेन के जरिए सोमवार की सुबह 4.05 बजे पटना जंक्शन पहुंचा। हादसा पीड़ित यात्रियों को लेकर विशेष ट्रेन जिस समय यहां पहुंची उस समय जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल स्वयं पटना जंक्शन पर मौजूद थे और राहत कार्यों की निगरानी कर रहे थे।