नई दिल्ली: भारी बर्फबारी के बाद कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में एवलांच का खतरा बना है। ऐसे में सेना के जवानों में को एवलांच के दौरान रेस्क्यू की ट्रैनिंग दी जा रही है। गुलमर्ग में सेना के High Altitude War Fare School में जवानों को ट्रैनिंग दी जा रही है। ट्रैनिंग के दौरान बताया गया कि अगर एवलांच के वक्त कोई जवान बर्फ में दब जाए तो उसे कैसे ढूंढ़ा जाए।
इसके लिए जवानों को ट्रांसमीटर दिया गया है जिसकी मदद से बर्फ में फंसे जवान को तलाशा जा सकता है और अगर ट्रांसमीटर नहीं है तो इस हालात में रॉड के जरिए बर्फ के नीचे दबे किसी इंसान को खोजने की टेक्नीक भी जवानों को सीखाई गई।
क्या होता है एवलांच?
बर्फीला तूफान जिसे तकनीकी तौर पर एवलांच कहा जाता है। हिमालय के ऊंचे हिस्सों में एवलांच यानि हिमस्खलन यूं तो आम बात है मगर ये बर्फीले तूफान तब और खतरनाक हो जाते हैं जब ऊंची चोटियों पर ज्यादा बर्फ जम जाती है। बर्फ परत दर परत जम जाती है और बहुत ज्यादा दबाव बढ़ने की वजह से ये परतें खिसक जाती हैं और तेज बहाव के साथ नीचे की ओर बहने लगती हैं। इनके रास्ते में जो कुछ भी आता है उसे अपने साथ ले जाती हैं।
यूरोप और अमेरिका में इस तरह के तूफान आम हैं। हिमालय की गोद में बसे जम्मू कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड समेत उत्तर पूर्व के इलाकों में भी वक्त-वक्त पर इस बर्फीली आताताई का सामना करना पड़ता है।