Friday, April 19, 2024
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डेबिट कार्ड फ्रॉड: चीन और अमेरिका में निकाले गए भारतीयों के पैसे

भारतीय बैंकिंग क्षेत्र को प्रभावित करने वाली अपनी तरह की सबसे बड़ी डेटा सुरक्षा में सेंधमारी की घटना से सरकारी और निजी क्षेत्र के अनेक बैंकों के 32 लाख से अधिक डेबिट कार्ड प्रभावित होने की आशंका है।

Bhasha Bhasha
Published on: October 21, 2016 9:32 IST
Debit Card- India TV Hindi
Debit Card

मुंबई/नई दिल्ली: भारतीय बैंकिंग क्षेत्र को प्रभावित करने वाली अपनी तरह की सबसे बड़ी डेटा सुरक्षा में सेंधमारी की घटना से सरकारी और निजी क्षेत्र के अनेक बैंकों के 32 लाख से अधिक डेबिट कार्ड प्रभावित होने की आशंका है। डेटा में यह सेंध कुछ एटीएम प्रणालियों में साइबर मालवेयर हमले के रूप में हुई है। हालांकि, सरकार ने लोगों से कहा है कि वे घबराएं नहीं। भारतीय स्टेट बैंक सहित अनेक बैंकों ने बड़ी संख्या में डेबिट कार्ड वापस मंगवाए हैं, जबकि अनेक अन्य बैंकों ने सुरक्षा सेंध से संभवत: प्रभावित एटीएम कार्डों को ब्लॉक कर दिया है और ग्राहकों से कहा है कि वे इनके इस्तेमाल से पहले पिन अनिवार्य रूप से बदलें। अब तक 19 बैंकों ने धोखाधड़ी से पैसे निकालने की सूचना दी है। कुछ बैंकों को यह भी शिकायत मिली है कि कुछ एटीएम कार्ड का चीन व अमेरिका सहित अनेक विदेशों में धोखे से इस्तेमाल किया जा रहा है, जबकि ग्राहक भारत में ही हैं।

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने कहा है, 'कार्ड नेटवर्कों ने सभी प्रभावित बैंकों को आगाह किया है कि कुल मिलाकर 32 लाख कार्ड इस सुरक्षा सेंध से प्रभावित हुए हो सकते हैं। इनमें से छह लाख रूपे कार्ड हैं।' एनपीसीआई भारत में सभी तरह की खुदरा भुगतान प्रणालियों का शीर्ष संगठन है। एनपीसीआई ने एक बयान में कहा है कि 641 ग्राहकों ने कुल मिलाकर 1.3 करेाड़ रुपये की अवैध या फर्जी तरीके से निकासी की शिकायत की है।

वित्तीय सेवा विभाग में अतिरिक्त सचिव जी सी मुरूमू ने ग्राहकों को शांत करने की कोशिश करते हुए कहा, 'कुल डेबिट कार्ड में से केवल 0.5 प्रतिशत की सुरक्षा में सेंधमारी हुई है, जबकि बाकी 99.5 प्रतिशत पूरी तरह सुरक्षित है और बैंक ग्राहक चिंता नहीं करें।' इस समय देश में लगभग 70 करोड़ डेबिड कार्ड हैं, जिनमें 19 करोड़ तो रूपे कार्ड हैं, जबकि बाकी वीजा व मास्टरकार्ड हैं।

बैंकरों का कहना है कि वापस लिए गए कार्डों में वे कार्ड भी शामिल हैं, जिन्हें एहतियातन बदला गया है। अनेक बैंकों ने अपने ग्राहकों से कहा है कि वे अपनी पिन तथा ऐसी अन्य जानकारी को अनिवार्य रूप से बदल लें ताकि ब्लॉक हुए कार्ड फिर से इस्तेमाल किए जा सकें। एसबीआई जैसे कई बैंकों ने लगभग छह लाख कार्ड वापस मंगवाए हैं। वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा, आईडीबीआई बैंक, सेंट्रल बैंक व आंध्रा बैंक ने एहतियाती कदम के रूप में डेबिट कार्ड बदले हैं। इसी तरह आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक व यस बैंक जैसे बैंकों ने अपने ग्राहकों से एटीएम पिन बदलने को कहा है। एचडीएफसी बैंक ने भी अपने ग्राहकों को सलाह दी है कि वे किसी भी लेनदेन के लिए केवल अपना एटीएम कार्ड इस्तेमाल करें।

यह सुरक्षा चूक हिताची पेमेंट्स सर्विसेज की प्रणाली में एक मालवेयर के जरिये हुई है। यह कंपनी यस बैंक को सेवा देती है। हिताची पेमेंट्स एटीएम सर्विसेज, प्वाइंट ऑफ सेल सर्विसेज, इमर्जिग पेमेंट्स सर्विसेज आदि के जरिए सेवाएं देती है। हालांकि यस बैंक ने सुरक्षा में सेंध की इस घटना से खुद को एक तरह से अलग करने की कोशिश करते हुए सेवा प्रदाताओं की बेहतर निगरानी पर जोर दिया है। यस बैंक के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी राणा कपूर ने बाहरी एजेंसी से करवाए जाने वाले काम (आउटसोर्सिंग) में अधिक सतर्कता की जरूरत रेखांकित की है। उन्होंने कहा, 'जहां आउटसोर्स भागीदार शामिल हैं वहां और अधिक सतर्कता की जरूरत है। यह सुनिश्चित करना होगा कि वे आपूर्ति व प्रणाली को जाोखिम में नहीं डालें।' हिताची पेमेंट सर्विसेज ने हालांकि, कहा है कि उसकी प्रणाली में कोई सेंधमारी नहीं हुई है।

बैंकरों के अनुसार यह सुरक्षा सेंध इस तरह से हुई है कि क्षेत्र में उक्त बैंक का एटीएम इस्तेमाल करने वाला प्रभावित हो सकता है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार वित्तीय सेवा विभाग ने भारतीय बैंक संघ से इस तरह की डेटा सेंधमारी के प्रभाव की जानकारी मांगी है।

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