नई दिल्ली: भारतीय थलसेना के दो पूर्व प्रमुखों ने मंगलवार को कहा कि भारत को आतंकवादी नेताओं को निशाना बनाने के लिए आक्रामक और गुप्त अभियान को अंजाम देना चाहिए और पाकिस्तानी थलसेना पर करारा वार करना चाहिए।
पूर्व थलसेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत) विक्रम सिंह की राय है कि भारत को बलूचिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में ‘फॉल्ट लाइंस’ का फायदा उठाना चाहिए ताकि पाकिस्तानी थलसेना बाहर ध्यान देने की बजाय आंतरिक तौर पर ध्यान केंद्रित करने पर विवश हो जाए।
जनरल सिंह ने कहा, ‘हमें विषम क्षमताएं पैदा करने की जरूरत है जिसमें गुप्त अभियानों को अंजाम देना और आतंकवादी नेताओं को निशाना बनाना शामिल है।’ उन्होंने कहा कि दुश्मन को ‘दर्द महसूस होना चाहिए’ और ‘शर्मिंदगी की स्थिति में ला देना चाहिए।’
एक टेलीविनज कार्यक्रम में पूर्व थलसेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत) वी पी मलिक ने कहा, ‘अब तक हम रक्षात्मक अभियान पर ध्यान केंद्रित करते रहे हैं। हमें अब आक्रामक अभियान पर ध्यान देने की जरूरत है।’
जनरल मलिक ने कहा कि भारत और पाकिस्तान या भारत और चीन के बीच युद्ध की ‘आशंका नहीं है।’ उन्होंने कहा कि सुरक्षा जरूरतों की बेहतर योजना के लिए सैन्य विशेषज्ञों को सरकार में शामिल करना चाहिए और रक्षा राज्य मंत्री बनाया जाना चाहिए।