Saturday, April 20, 2024
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भारत का संचार उपग्रह GSAT-17 फ्रेंच गुयाना से सफलतापूर्वक लॉन्च

यूरोपीय प्रक्षेपक एरियनस्पेस फ्लाइट वीए 238 ने कौओरू के एरियन लॉन्च कॉम्पलेक्स नंबर 3 से उड़ान भरी। कौओरू दक्षिण अमेरिका के पूर्वोार तट पर स्थित एक फ्रांसीसी क्षेत्र है।

Bhasha Bhasha
Published on: June 29, 2017 9:38 IST
GSAT-17- India TV Hindi
Image Source : PTI GSAT-17

बेंगलूरू: भारत का आधुनिकतम संचार उपग्रह जीसैट-17 आज एरियनस्पेस के एक भारी रॉकेट के जरिए सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया। यह प्रक्षेपण फ्रेंच गुयाना के कौओरू से किया गया। लगभग 3477 किलोग्राम के वजन वाले जीसैट-17 में संचार संबंधी विभिन्न सेवाएं देने के लिए नॉर्मल सी-बैंड, एक्सटेंडेड सी-बैंड और एस-बैंड वाले पेलोड हैं। इसमें मौसम संबंधी आंकड़ों के प्रसारण वाला यंत्र भी है और उपग्रह की मदद से खोज एवं बचाव सेवाएं उपलब्ध करवाने वाला यंत्र भी। अब तक ये सेवाएं इनसैट उपग्रह उपलब्ध करवा रहे थे। ये भी पढ़ें: कैसे होता है भारत में राष्ट्रपति चुनाव, किसका है पलड़ा भारी, पढ़िए...

यूरोपीय प्रक्षेपक एरियनस्पेस फ्लाइट वीए 238 ने कौओरू के एरियन लॉन्च कॉम्पलेक्स नंबर 3 से उड़ान भरी। कौओरू दक्षिण अमेरिका के पूर्वोार तट पर स्थित एक फ्रांसीसी क्षेत्र है। इस उड़ान में निर्धारित समय से कुछ मिनट की देरी हुई। भारतीय समयानुसार इसे रात दो बजकर 29 मिनट पर उड़ान भरनी थी। लगभग 41 मिनट की निर्बाध उड़ान में जीसैट-17 को कक्षा में प्रवेश करवाने से कुछ ही समय पहले उसके सहयात्री हेलास सैट 3-इनमारसैट एस ईएएन को कक्षा में प्रवेश कराया गया।

उपग्रह के सफल प्रक्षेपण की घोषणा करते हुए एरियनस्पेस के सीईओ स्टीफन इस्राइल ने ट्वीट किया, जीसैट-17 अपने एरियन5 प्रक्षेपक वीए238 से सफलतापूर्वक अलग हुआ। इसकी पुष्टि हो गई। मिशन के बाद इसरो के मुख्यालय से की गई घोषणा में कहा गया, फ्रेंच गुयाना के कोऔरू से एरियन-5 वीए-238 के जरिए जीसैट-17 का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया। जीसैट-17 इसरो के हालिया 17 दूरसंचार उपग्रहों के समूह को मजबूत करेगा। इसे भूस्थैतिक स्थानांतरण कक्षा में प्रक्षेपित किया गया है। यह इस महीने इसरो द्वारा प्रक्षेपित तीसरा उपग्रह है। इससे पहले जीएसएलवी मार्क 3 और पीएसएलवी सी-38 का प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा से किया गया था।

अपने भारी उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए एरियन-5 रॉकेट पर निर्भर करने वाला इसरो इस काम के लिए जीएसएलवी मार्क 3 विकसित कर रहा है। मिशन कंट्रोल सेंटर से इस प्रक्षेपण को देखने वाले विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक डॉ के सिवान ने इस मिशन को एकदम सटीक बताते हुए एरियनस्पेस का धन्यवाद किया।

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