Friday, April 19, 2024
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वायु प्रदूषण के मामले में दिल्ली से भी आगे हैं देश के ये शहर...

एक अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है कि वायु प्रदूषण सिर्फ दिल्ली और सर्दियों तक सीमित नहीं है। कम से कम चार अन्य शहरों को वायु प्रदूषण के मामले में दिल्ली से कहीं अधिक बुरी स्थिति का सामना करना पड़ा है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 28, 2017 20:11 IST
Pollution- India TV Hindi
Pollution

नई दिल्ली: एक अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है कि वायु प्रदूषण सिर्फ दिल्ली और सर्दियों तक सीमित नहीं है। कम से कम चार अन्य शहरों को वायु प्रदूषण के मामले में दिल्ली से कहीं अधिक बुरी स्थिति का सामना करना पड़ा है। शिकागो विश्वविद्यालय के एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट (ईपीआईसी-इंडिया) द्वारा किए गए अध्ययन में पाया गया है कि प्रमुख प्रदूषक पीएम2.5 या 2.5 माइक्रोमीटर्स के व्यास वाले कणों की वार्षिक सघनता गुरुग्राम, कानपुर, लखनऊ और फरीदाबाद में अधिक थी। अध्ययन में कहा गया है कि पटना और आगरा में प्रदूषण की वार्षिक सघनता दिल्ली के समान थी।

अध्ययन में नवंबर 2016 से अक्टूबर 2017 तक केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के 18 निगरानी केंद्रों के रिकॉर्ड का विश्लेषण किया गया। इसमें दक्षिण-पश्चिम दिल्ली का आर.के. पुरम इलाके का निगरानी केंद्र भी शामिल है, जो कि सबसे प्रदूषित क्षेत्रों में से एक है। मंगलवार को इस इलाके की औसत पीएम2.5 सघनता 256 इकाई पाई गई, जबकि दिल्ली में यह 191 इकाई रही। 

गुरुग्राम पिछले 190 दिनों से खराब हवा की गुणवत्ता से जूझ रहा है। जहां वायु प्रदूषण का स्तर 133 दिनों तक 'बहुत खराब' और 57 दिनों से 'बदतर' श्रेणी के अंतर्गत है। उत्तर प्रदेश के कानपुर को 171 दिनों की खराब वायु गुणवत्ता के मुकाबले किसी भी अन्य शहर की तुलना में 64 दिनों तक 'बदतर से अधिक' प्रदूषण का सामना करना पड़ा है।

लखनऊ में खराब हवा की गुणवत्ता के 167 दिन दर्ज किए गए, जिसमें से 134 दिन 'बहुत खराब' और 33 दिन 'बदतर से अधिक' श्रेणी में शामिल हैं। फरीदाबाद के आंकड़े 147 दिन के हैं, जिसमें 92 दिन 'बहुत खराब' और 57 दिन 'बदतर से अधिक' श्रेणी में थे। 'बदतर से अधिक' दिनों के संदर्भ में, शीर्ष 10 सबसे प्रदूषित शहरों में से नौ दिल्ली से आगे थे। बिहार के गया में 42 दिनों तक प्रदूषण रहां, जबकि मुजफ्फरपुर में 34, पटना में 37 और आगरा में 37 दिनों तक प्रदूषण खतरनाक रहा।  पीएम2.5 की सुरक्षित सीमा अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार 60 यूनिट है।

अध्ययन में बताया गया है, "लखनऊ, गुरुग्राम, कानपुर, फरीदाबाद, पटना और आगरा में पीएम 2.5 वार्षिक सघनता राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता मानक से तीन गुना अधिक पाई गई है।" ईपीआईसी-भारत के वरिष्ठ शोधकर्ता डॉ संतोष हरीश ने मंगलवार को आईएएनएस से कहा, "इस एक समस्या का सामना पूरे साल करना पड़ रहा है न कि सिर्फ सर्दियों के समय में।"

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