नयी दिल्ली: अमृतसर में आज से छठा मंत्री स्तरीय हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन शुरू होगा। यह सम्मेलन अफगानिस्तान पर इस्तांबुल प्रक्रिया का हिस्सा है। मुख्य सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी संयुक्त रूप से करेंगे।
अफगानिस्तान इसका स्थायी अध्यक्ष है जबकि भारत इस साल सह-अध्यक्ष होने के नाते सम्मेलन का मेजबान है। मंत्री स्तरीय सम्मेलन की सह अध्यक्षता जेटली और अफगान विदेश मंत्री करेंगे।
सम्मेलन में 14 देशों के विदेश मंत्री जुटेंगे। हार्ट ऑफ एशिया में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के सलाहकार सरताज अजीज भी पहुंचेगे। हालांकि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं होगी। वहीं स्वास्थ्य कारणों से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सम्मेलन में शरीक नहीं होंगी। गौरतलब है कि यह सम्मेलन ऐसे वक्त हो रहा है जब भारत -पाकिस्तान के बीच रिश्ते तनावपूर्ण है।
इस्लामाबाद में हुए पिछले हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन के अवसर पर दोनों देशों के बीच वार्ता शुरू करने पर सहमति हुई थी, लेकिन इस वर्ष जनवरी में पठानकोट हमले के कारण यह संभव नहीं हो सका, कश्मीर के घटनाक्रमों और उरी में सैनिक शिविर पर हमले के बाद दोनों देशों के संबंधों में और अधिक तनाव आ गया।
अफगानिस्तान और इसके पड़ोसी देशों के बीच सुरक्षा, राजनीतिक और आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लक्ष्य से यह मंच तैयार किया गया है। इस बैठक में अफगानिस्तान एवं उसके पड़ोसियों के बीच क्षेत्रीय सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा ताकि कनेक्टिविटी बढ़ाई जा सके और सुरक्षा खतरों से निपटा जा सके।