अमृतसर: सेना के अड्डे पर एक और आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ तनाव में वृद्धि के बीच भारत शनिवार से यहां शुरू हो रहे दो दिवसीय हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में उसे कूटनीतिक रूप से घेरने और राज्य प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई के वास्ते समर्थन जुटाने की अपनी चेष्टा तेज कर सकता है।
अफगानिस्तान हार्ट ऑफ एशिया- इस्तांबुल प्रोसेस की वार्षिक बैठक में बाध्यकारी प्रतिबद्धता के साथ क्षेत्रीय आतंकवाद निरोधक ढांचे के लिए गहरा दबाव बना सकता है। दरअसल पाकिस्तानी सरजमीं से चल रहे आतंकवादी संगठनों ने अफगानिस्तान में हमले तेज कर दिए हैं। हार्ट ऑफ एशिया- इस्तांबुल प्रोसेस युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान को बदलाव के दौर में उसकी मदद के लिए गठित किया गया एक मंच है।
चौदह सदस्य देशों के शीर्ष अधिकारी आतंकवाद समेत इस क्षेत्र के समक्ष मौजूद अहम चुनौतियों पर चर्चा करने तथा अफगानिस्तान में स्थायी शांति एवं स्थायित्व लाने के तौर तरीके ढूंढ़ने के लिए कल बैठक करेंगे।
रविवार को प्रधामनंत्री नरेंद्र मोदी और अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी संयुक्त रूप से मुख्य सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे जहां भारत एवं अफगानिस्तान आतंकवाद के विषय पर पाकिस्तान को घेरने का प्रयास कर सकते हैं।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज इस सम्मेलन में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करेंगे। सभी की निगाहें इस बात पर होगी कि इस मौके पर भारत-पाक द्विपक्षीय वार्ता होती है या नहीं। अजीज की अमृतसर यात्रा से पहले भारत ने कल कहा था कि वह पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंधों में सीमापार आतंकवाद की निरंतरता को ‘नई सामान्य स्थिति’ के रूप में कभी स्वीकार नहीं करेगा। उसने स्पष्ट किया कि ‘निरंतर आतंकवाद’ के माहौल में वार्ता नहीं हो सकती। भारत ने उरी में सैन्य ठिकाने पर हमले के बाद पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने का आह्वान किया था और हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में उसी दिशा में अपना प्रयास जारी रख सकता है। अक्तूबर में गोवा में ब्रिक्स सम्मेलन में भारत ने पाकिस्तान को वैश्विक आतंकवाद की ‘जननी’ करार दिया था।
अजीज शनिवार को यहां पहुंचने वाले हैं। उसी दिन उनके लौट जाने की भी संभावना है।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की अनुपस्थिति में वित्त मंत्री अरूण जेटली करेंगे। सुषमा बीमार चल रही हैं। भारत-पाकिस्तान सीमा के करीब स्थित अमृतसर में हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गयी है। पंजाब में भारत-पाक सीमा पर कड़ी चौकसी की जा रही है।