चंडीगढ़: हरियाणा में जाटों द्वारा रविवार को बलिदान दिवस मनाने और आरक्षण के लिए अपना आंदोलन तेज करने की धमकी देने के मद्देजनर हरियाणा में हाई अलर्ट कर दिया गया है तथा किसी भी अप्रिय घटना को टालने के लिए अधिकतम सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं। जाटों के लिए शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर चल रहे इस आंदोलन का आज 22 वां दिन है। प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि वे 19 जिलों में सभी धरना स्थलों पर हजारों समर्थकों को लाएंगे।
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कुछ जिलों में रोकी गई हरियाणा रोडवेज की बस सेवा
हरियाणा रोडवेज के एक अधिकारी ने बताया कि एहतियात के तौर पर हरियाणा रोडवेज ने हिसार, रोहतक, कैथल, सोनीपत समेत संवेदनशील जिलों में कुछ मार्गों पर रविवार के लिए अपनी बस सेवा रोक दी है। नए आंदोलन की अगुवाई कर रही ऑल इंडिया जाट आरक्षण संघर्ष समिति (AIJASS) ने घोषणा की थी कि वे आज अपनी भावी कार्य योजना तय करेंगे। समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा था, ‘उन लोगों की याद में राज्य में विभिन्न स्थानों पर तथा देश के कुछ हिस्सों में 19 फरवरी बलिदान दिवस मनाया जाएगा जिनकी हरियाणा में पिछले साल के आंदोलन के दौरान जान चली गई।’
कुछ जगहों पर यातायात के रास्ते में बदलाव
रोहतक जिले के जसिया गांव में धरना स्थल पर दिन में बाद में बड़ी संख्या में लोगों के जुटने की आशंका से जिला प्रशासन ने बाहर से रोहतक आने वाले यातायात का मार्ग खरखौदा, लाखन माजरा और गोहाना के रास्ते बदल दिया है। जाट धरना स्थल पर जाने वाले वाहनों को छोड़कर रोहतक पानीपत राजमार्ग पर रोहतक गोल चौक से गोहाना तक यातायात पर रोक है। हरियाणा में हिसार जिले के रामायण गांव में प्रदर्शनकारी रेलमार्गों एवं राष्ट्रीय राजमार्ग के समीप डेरा डाले हुए हैं। स्थिति की निगरानी के लिए ड्रोन कैमरे उपयोग में लाए जाएंगे।
खट्टर ने कहा, जाटों को बातचीत के लिए बुलाया है
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को चंडीगढ़ में कहा कि अबतक किसी अप्रिय घटना की रिपोर्ट नहीं है। प्रदर्शनकारी जाटों को कल दूसरे दौर की वार्ता के लिए आमंत्रित किया गया है। हिसार रेंज के पुलिस महानिरीक्षक ओ पी सिंह ने बताया कि पुलिस आयोजकों के संपर्क में हैं तथा स्थिति पर नजर रख रही है। हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मोहम्मद अकील ने बताया कि आज हरियाणा और बाहर से अधिकतम संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि आंदोलन के नए दौर के मद्देनजर अर्धसैनिक बलों की 37 कंपनियां तैनात की गयी है। आंदोलन चला रहे जाट नेताओं ने पिछले हफ्ते वरिष्ठ नौकरशाहों की एक सरकारी समिति से पहले दौर की बातचीत की थी। कल दूसरे दौर की बातचीत होगी।
जाट आंदोलनकारी कर रहे हैं ये मांगें
अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के तहत शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग के अलावा जाटों की अन्य मांग पिछले साल जेल में बंद किए गए लोगों की रिहाई, प्रदर्शन के दौरान लगाए गए मामले वापस लेना तथा आंदोलन में मर गए लोगों के रिश्तदेार के लिए सरकारी नौकरी है। जाटों ने जाट विरोधी बयान को लेकर कुरूक्षेत्र के बीजेपी सांसद राजकुमार सैनी के विरूद्ध कार्रवाई की भी मांग की है। मुख्य विपक्षी इंडियन नेशनल लोक दल खुलकर आंदोलनकारी जाटों के समर्थन में आ गया है और उसने सरकार से उनकी मांगें पूरी करने का आह्वान किया है।
पिछले साल जाट आंदोलन में गई थीं लगभग 30 जानें
कांग्रेस ने भी खट्टर सरकार से पिछले साल आंदोलन के दौरान जाटों से किए गए वादे पूरे करने की मांग की है। आंदोलन के इस नए दौर के दौरान प्रदर्शनकारी राज्य में कई स्थानों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पिछले तीन हफ्ते से धरना दे रहे हैं। पिछले साल जाट आंदोलन हिंसक हो गया था और करीब 30 लोगों की जान चली गई थी। इसके अलावा करोड़ों की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था। रोहतक तथा उसके सोनीपत एवं झज्जर जैसे पड़ोसी जिलों पर हिंसा की सबसे अधिक मार पड़ी थी।