Saturday, April 20, 2024
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किराए की कोख पर लगी पाबंदी, कैबिनेट ने नए विधेयक को दी मंजूरी

केन्द्रीय कैबिनेट ने बुधवार को उस विधेयक को मंजूरी दे दी जिसमें व्यावसायिक रूप से सरोगेसी से बच्चे के जन्म पर पूरी तरह पाबंदी का प्रावधान है।

Bhasha Bhasha
Updated on: August 24, 2016 20:37 IST
Cabinet breifing- India TV Hindi
Image Source : PTI Cabinet breifing

नई दिल्ली: केन्द्रीय कैबिनेट ने बुधवार को उस विधेयक को मंजूरी दे दी जिसमें व्यावसायिक रूप से सरोगेसी से बच्चे के जन्म पर पूरी तरह पाबंदी का प्रावधान है। केवल कानूनी रूप से विवाहित भारतीय दंपतियों को बच्चे के लिए इस तरीके का इस्तेमाल करने की इजाजत देने का प्रस्ताव है।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कैबिनेट की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि विदेशियों और विदेशी भारतीय नागरिक (ओसीआई) का कार्ड रखने वाले एनआरआई तथा पीआईओ को भी सरोगेसी के तरीके को अपनाने से प्रतिबंधित किया गया है।

सरोगेसी (रेगुलेशन) बिल 2016 की मुख्य बातें-

-इसमें अविवाहित जोड़ों, बच्चे को अपनाने वाले अकेले महिला या पुरष, लिव-इन में रहने वाले लोगों और समलैंगिकों द्वारा सरोगेसी के माध्यम से जन्मे बच्चे को अपनाने पर रोक लगाने का प्रस्ताव है।

-भारत व्यावसायिक सरोगेसी के लिहाज से हब बनकर उभर रहा है। इस कदम का उद्देश्य देश में अनैतिक तौर-तरीकों पर रोक लगाना है।

 
-इस बिल में बच्चे को छोड़ने और व्यावसायिक सरोगेसी के तरीके से बच्चे को जन्म दिलाने जैसे उल्लंघन के मामलों में 10 साल तक की कैद और 10 लाख रपये के जुर्माने का प्रावधान रखा गया है। 

-विधेयक में व्यावसायिक तौर पर सरोगेसी से बच्चे के जन्म पर पूरी तरह पाबंदी का प्रावधान है।

-केवल कानूनी रूप से विवाहित उन भारतीय दंपतियों को बच्चों को अपनाने के लिए इस तरीके का इस्तेमाल करने की अनुमति देने का प्रस्ताव है जो कम से कम पांच साल से शादीशुदा हों। 

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