Friday, March 29, 2024
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जजों की नियुक्ति में देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने कोलेजियम की सिफारिशों के बावजूद उच्च न्यायालयों में जजों की नियुक्ति नहीं किये जाने पर आज केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि आप (न्यायपालिका के) पूरे संस्थान को काम करने से पूरी तरह से नहीं रोक सकते।

Bhasha Bhasha
Published on: October 28, 2016 20:03 IST
Supreme court- India TV Hindi
Image Source : PTI Supreme court

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कोलेजियम की सिफारिशों के बावजूद उच्च न्यायालयों में जजों की नियुक्ति नहीं किये जाने पर आज केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि आप (न्यायपालिका के) पूरे संस्थान को काम करने से पूरी तरह से नहीं रोक सकते। चीफ जस्टिस तीरथ सिंह ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, "अदालती कक्ष बंद हैं। क्या आप न्यायपालिका को बंद करना चाहते हैं?'' पीठ ने तल्ख लहजे में कहा, "आप पूरे संस्थान के काम को पूरी तरह ठप नहीं कर सकते।''

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पीठ ने कहा कि मेमोरेंडम आफ प्रोसीजर (MoP) को अंतिम रूप नहीं दिये जाने के कारण नियुक्ति प्रक्रिया ठप नहीं हो सकती। अदालत ने जजों की नियुक्ति से जुड़ी फाइलों को आगे बढाने की धीमी रफ्तार की आलोचना की और चेताया कि वह तथ्यात्मक स्थिति पता करने के लिए PMO और विधि एवं न्याय मंत्रालय के सचिवों को तलब कर सकती है। इस पीठ में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एल नागेश्वर राव भी शामिल थे। 

पीठ ने कहा, कोई गतिरोध नहीं होना चाहिए। आपने MoP को अंतिम रूप दिये बगैर जजों की नियुक्ति के लिए फाइलें आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई है। MoP को अंतिम रूप देने का न्यायपालिका में नियुक्ति प्रक्रिया के साथ कोई लेना देना नहीं है। विभिन्न उच्च न्यायालयों में जजों की कमी के संदर्भ में पीठ ने कहा कि कर्नाटक हाईकोर्ट में कई अदालत कक्ष बंद पड़े हैं क्योंकि कोई जज ही नहीं है। 

केन्द्र की ओर से अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि MoP को अंतिम रूप नहीं दिया जाना एक कारण है। उन्होंने पीठ को आश्वासन दिया कि न्यायाधीशों की नियुक्ति पर निकट भविष्य में और प्रगति होगी। अदालत ने इस मामले में अब 11 नवंबर को आगे सुनवाई करेगा।

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