Friday, April 19, 2024
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जब तिहाड़ में पुरुष कैदियों की पहली महिला जेलर ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘मुझे जेलर न कहें’

नई दिल्ली: कड़ी सुरक्षा वाले तिहाड़ जेल में पुरुषों के कारागार की प्रथम महिला प्रभारी अंजु मंगला ने मुस्कुराते हुए कहा, मुझे जेलर न कहें। दो महिलाएं- किरण बेदी और विमला मेहरा ने तिहाड़ की

Bhasha Bhasha
Updated on: January 11, 2017 20:26 IST
anju mangla- India TV Hindi
anju mangla

नई दिल्ली: कड़ी सुरक्षा वाले तिहाड़ जेल में पुरुषों के कारागार की प्रथम महिला प्रभारी अंजु मंगला ने मुस्कुराते हुए कहा, मुझे जेलर न कहें। दो महिलाएं- किरण बेदी और विमला मेहरा ने तिहाड़ की महानिदेशक के तौर पर सेवाएं दी हैं, लेकिन पहली बार एक महिला को यहां पुरुषों की जेल का अधीक्षक नियुक्त किया गया है और वह दैनिक आधार पर पुरुष कैदियों के साथ संवाद करती हैं।

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मिलनसार अधिकारी मंगला का कहना है कि वह एक जेलर के बजाय एक अधीक्षक कहलाना पसंद करती हैं। उन्हें लगता है कि जेलर शब्द एक कठोर व्यक्ति की छवि पेश करता है। महिलाओं की जेल की अधीक्षक के तौर पर सेवाएं दे चुकी मंगला ने कहा कि उनका मंत्र इन कैदियों के साथ एक व्यक्तिगत सौहार्द का माहौल बनाना है चाहे वे महिला हों या पुरुष।

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उन्होंने कहा, ये कैदी मेरे लिए बच्चों की तरह हैं। वे काफी जोशपूर्ण, युवा और ऊर्जा से भरपूर हैं, लेकिन उनकी गलती यह है कि उन्होंने कानून अपने हाथ में ले लिया। मंगला अपनी जेल को एक गुरुकुल या एक छात्रावास कहना पसंद करती हैं जहां इन कैदियों को शिक्षा दी जाती है।

उन्होंने कहा, यह एक चुनौती है, लेकिन हमारे डी जी सुधीर यादव जी ने मेरे ऊपर भरोसा जताया और मैंने यह चुनौती स्वीकार की। मंगला 18 से 21 वर्ष के आयुवर्ग में करीब 800 कैदियों की देखरेख कर रही हैं।

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