नई दिल्ली: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने बिसाहड़ा गांव में मारे गए अखलाक के परिवार के खिलाफ गोहत्या का मामला दर्ज करने का आदेश दिया है, जो न्याय व्यवस्था का पूरी तरह से मजाक है। माकपा ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा, "अदालत में याचिका उन लोगों ने दायर की थी जो अखलाक मोहम्मद की क्रूरतापूर्ण हत्या में शामिल थे और मामला वापस लेने के लिए उसके परिवार पर दबाव बना रहे हैं।"
पीड़ित परिवार ने गोमांस खाने के आरोप को नकार दिया था और कहा था कि फ्रिज में मिला मांस बकरे का था। माकपा ने कहा कि अगर गोमांस ही था तो क्या एक इंसान की इस तरह सिर कुचलकर हत्या कर देना क्या इंसानियत है? इंसानियत के हत्यारों को फांसी देने के बजाय जिस परिवार ने जुल्म सहा, उसी के खिलाफ एफआईआर का आदेश कैसा इंसाफ है।