नई दिल्ली: 33 साल का वक्त कोई कम नहीं होता लेकिन देश के छोटे लड़ाकू विमान तेजस को वायुसेना के बेडे़ में शामिल करने में तीन दशक बीत गए। आज जाकर वो मौका आया, जब तेजस फाइटर प्लेन भारतीय वायुसेना का विधिवत हिस्सा बना। तेजस की वायुसेना में एंट्री एक खास अंदाज में हुई। बैंगलोर में तेजस ने आसमान में हैरतंगेज करतब दिखाकर अपनी ताकत का अहसास भी कराया। तेजस की स्क्वाड्रन को 'फ्लाइंग डैगर्स' नाम दिया गया है।
पूजा पाठ के साथ 'फाइटर' का वेलकम
तेजस की विधिवत एंट्री से पहले बैंगलोर में एक खास तरह का कार्यक्रम हुआ। तेजस विमान के सामने एक हिंदू पुजारी ने मंत्र पढ़े, इमाम ने भी आयतें पढ़कर तेजस की कामयाबी की दुआएं की, पादरी ने भी तेजस के लिए प्रार्थना की जबकि ग्रंथी ने गुरुबाणी का पाठ किया। इस तरह सर्वधर्म पूजा-अर्चना और प्रार्थना के बाद तेजस को वायुसेना के हवाले करने की रस्म कुछ आगे बढ़ी।
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ग्रुप कैप्टन माधव रंगाचारी ने ही फ्लाइंग डिस्प्ले के दौरान तेजस को उड़ाया। उन्होंने तेजस को बेस्ट फाइटर प्लेन करार दिया। तेजस को वायुसेना में शामिल होने में भले ही करीब तीन दशक लग गए। अभी फ्लाइंग ड्रैगर स्क्वाड्रन में फिलहाल दो ही तेजस होंगे। अगले साल कुछ और विमान आ जाएंगे। ये लड़ाकू विमान छोटा जरूर है लेकिन कई खूबियों से लैस है।
तस्वीरों में जानिए तेजस की खासियत क्या है?
अब दुनिया देखेगी 'तेजस' का दम
तेजस चौथी पीढ़ी का हल्का मल्टी रोल सुपरसोनिक सिंगल इंजन वाला फाइटर जेट है। इसे एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी यानी एडीए और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड यानी एचएएल ने मिलकर तैयार किया है। ये फाइटर जेट रूस के फाइटर जेट मिग-21 की जगह लेगा। इसकी ताकत पुराने मिग 21 से कई ज्यादा आंकी जा रही है।
पल में आसमान का सीना चीर देगा 'तेजस'
तेजस की स्क्वाड्रन पहले दो साल में बेंगलुरु में होगी बाद में इसे तमिलनाडु के सुलूर में शिफ्ट कर दिया जाएगा। बहुत लंबा इंतजार हुआ लेकिन अब वायुसेना के बेड़े में तेजस के आ जाने से इसकी ताकत तो बढ़ेगी ही। वैसे इसे अभी फाइनल ऑपरेशनल क्लियरेन्स नहीं मिली है। इस साल के आखिर तक उम्मीद है कि फाइनल ऑपरेशनल क्लियरेंस मिलने के बाद तेजस लड़ने के लिए तैयार हो जाएगा।