Thursday, April 25, 2024
Advertisement

कश्मीर में FB, व्हॉट्सएप और Twitter समेत 22 सोशल साइट्स पर बैन

जम्मू-कश्मीर सरकार ने आज कश्मीर में फेसबुक, व्हाट्सएप्प और ट्विटर समेत 22 सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों और एप्लीकेशन्स पर इस आधार पर प्रतिबंध लगा दिया कि राष्ट्रविरोधी और असामाजिक तत्व समस्या पैदा करने के लिए इनका दुरुपयोग कर रहे हैं। प्रधान सचिव (गृह) आ

Bhasha Bhasha
Updated on: April 26, 2017 21:21 IST
social networking sites- India TV Hindi
social networking sites

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर सरकार ने आज कश्मीर में फेसबुक, व्हाट्सएप्प और ट्विटर समेत 22 सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों और एप्लीकेशन्स पर इस आधार पर प्रतिबंध लगा दिया कि राष्ट्रविरोधी और असामाजिक तत्व समस्या पैदा करने के लिए इनका दुरुपयोग कर रहे हैं। प्रधान सचिव (गृह) आर के गोयल द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया कि यह प्रतिबंध एक महीने के लिए या अगले आदेश, जो भी पहले हो, तक जारी रहेगा।

उन्होंने तीन पन्नों के आदेश में कहा, सार्वजनिक व्यवस्था बनाये रखने के हित में सरकार सभी इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को निर्देश देती है कि कश्मीर घाटी में तत्काल प्रभाव से किसी भी व्यक्ति या वर्ग द्वारा या उन्हें उक्त सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों का उपयोग करके किसी विषय या किसी तस्वीर से संबंधित संदेश एक महीने की अवधि तक या अगले आदेश, जो भी पहले हो, तक प्रेषित नहीं किये जाएंगे।

इन वेबसाइटों और एप्स में फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप्प, वीचैट, क्यूक्यू, क्यूजोन, गूगल प्लस, स्काइप, लाइन, पिंटरेस्ट, स्नैपचैट, यूट्यूब, वाइन और फ्लिकर शामिल हैं जिनका इस्तेमाल घाटी में नहीं किया जा सकेगा। इससे पहले एक खबर में कहा गया था कि सरकार ने कश्मीर में एक महीने के लिए इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी हैं जो सही नहीं है।

नक्सलियों से बदला लेने के लिये CRPF को मिली 75 दिनों की खुली छूट!

सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों और एप्स पर प्रतिबंध के लिए गोयल ने सरकार को भारतीय टेलीग्राफ कानून 1885 के साथ भारतीय टेलीग्राफ (संशोधन) नियम 2007 के तहत इन साइटों पर पाबंदी लगाने के लिए मिले अधिकारों का इस्तेमाल किया है।

आदेश के अनुसार, सभी संबंधित कारकों के सावधानी से अध्ययन के बाद देखा गया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल पर तत्काल लगाम लगाने की जरूरत है जिनका दुरुपयोग राष्ट्रविरोधी और असामाजिक तत्व कई प्रकार से भड़काऊ संदेश प्रसारित करने में कर रहे हैं। आदेश में लिखा है कि ऐसा महसूस किया गया कि सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों और त्वरित संदेश सेवाओं के लगातार दुरुपयोग से राज्य में अमन चैन प्रभावित हो सकता है।

आदेश में कहा गया, कश्मीर घाटी में 2016 में कानून व्यवस्था की खराब स्थिति के दौर में भी देखा गया था कि राष्ट्रविरोधी और विध्वंसक तत्वों ने शांति का माहौल बिगाड़ने और हिंसा को भड़काने के लिए सोशल मीडिया का बड़े स्तर पर दुरुपयोग किया जिससे जीवन और संपत्ति को बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचा। कश्मीर में सुरक्षा बलों की कथित सख्ती के खिलाफ घाटी में छात्रों के व्यापक प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि में यह आदेश आया है। अधिकारियों को लगता है कि कश्मीर में अशांति फैलाने में सोशल मीडिया की बड़ी भूमिका है।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement