Tuesday, April 23, 2024
Advertisement

अशोक सिंघल के जीवन से जुड़ी खास बातें जिन्हें आप जानना चाहेंगे

नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के संरक्षक अशोक सिंघल का मंगलवार को निधन हो गया। पिछले कुछ दिनों से सिंघल गुड़गांव के मेदांता हॉस्पीटल में भर्ती थे। 89 साल के सिंघल के निधन की

India TV News Desk India TV News Desk
Updated on: November 17, 2015 17:17 IST
जानिए अशोक सिंघल के...- India TV Hindi
जानिए अशोक सिंघल के जीवन से जुड़ी खास बातें

नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के संरक्षक अशोक सिंघल का मंगलवार को निधन हो गया। पिछले कुछ दिनों से सिंघल गुड़गांव के मेदांता हॉस्पीटल में भर्ती थे। 89 साल के सिंघल के निधन की खबर विहिप के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने मीडिया को दी। जानिए अशोक सिंघल के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें-

1. राम मंदिर के लिए अनशन पर बैठ थे सिंघल

राम जन्मभूमि मामले को आंदोलन में तब्दील करने में अशोक सिंघल की बड़ी भूमिका थी। अपनी कट्टर हिंदूवादी छवि के जरिए अशोक सिंघल लगातार राम मंदिर के लिए आवाज उठाते रहे।

एक समय में तो अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान ही अशोक सिंघल अयोध्या में राम मंदिर की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठ गए थे। अटल बिहारी वायजेपी के आदेश पर सिंघल की फोर्स फीडिंग कराई गई थी। उस समय सदन में एक सवाल के जवाब में वाजपेयी ने कहा था कि उन्हें सिंघल के स्वास्थ्य की चिंता थी। डॉक्टरों की सलाह पर उनको फोर्स फीडिंग करने का आदेश देना पड़ा था। हालांकि जबरन अनशन तुड़वा दिए जाने के बाद अशोक सिंघल को दुख पहुंचा था।

2. हिंदू ह्रदय सम्राट थे सिंघल

अशोक सिंघल अपनी हिंदुत्ववादी छवि और राम जन्मभूमि के समय से ही अपने भाषण और नारों के लिए जाने जाते है। 1989 के बाद से जिस भी जगह पर सभा होती थी, वहां अशोक सिंघल के भाषण में हिंदू राष्ट्र और हिंदू हित की बात जरूर शामिल रहती थी।

अशोक सिंघल का नारा कुछ इस तरह होता था- ‘जो हिंदू हित की बात करेगा, वही देश पर राज करेगा।’, ‘अयोध्या तो बस झांकी है, काशी मथुरा बाकी है।’ इन नारों की वजह से लोग अशोक सिंघल से काफी प्रभावित हुए।

3. 200 से ज्यादा मंदिर बनवाए

साल 1981 में तमिलनाडु के मीनाक्षीपुरम की एक घटना ने सिंघल के कामकाज के तरीके को बदल कर रख दिया। मीनाक्षीपुरम में ऊंची जातियों के व्यवहार से परेशान होकर 400 दलितों ने इस्लाम धर्म अपना लिया। धर्म बदलने वालों की सबसे बड़ी शिकायत ये थी कि उन्हें मंदिरों में प्रवेश करने नहीं दिया जाता है। इसके बाद वीएचपी ने दलितों के लिए 200 से ज्यादा मंदिरों का निर्माण कराया। कहा जाता है कि मंदिर बनवाने में अशोक सिंघल ने बड़ी भूमिका निभाई।

4. कम उम्र में संघ को समर्पित

अशोक सिंघल ने बहुत कम उम्र में ही खुद को संघ को समर्पित कर दिया था। 15 सिंघल ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की थी। इंजीनियरिंग के बाद 1942 में 16 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपना पूरा समय संघ को दिया और प्रचारक बन गए। 1980 में उन्हें विश्व हिंदू परिषद में भेज दिया गया, जहां उन्हें जॉइंट जनरल सेक्रेटरी पद दिया गया। इसके बाद साल 1984 में वह जनरल सेक्रेटरी बने और बाद में कार्यकारी अध्यक्ष के पद पर आसीन हुए। 2011 के बाद वह संगठन के अतंरराष्ट्रीय संरक्षक बने।

5. 20 सालों तक रहे VHP के अध्यक्ष

1926 को आगरा में जन्मे अशोक सिंघल 20 सालों तक विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष रहे। 1942 में प्रयाग में पढ़ते वक्त संघ के कद्दावर नेता रज्जू भैया उन्हें आरएसएस लेकर आए। वे भी उन दिनों वहीं पढ़ते थे। उन्होंने सिंघल की मां को आरएसएस के बारे में बताया और संघ की प्रार्थना सुनाई। इससे वे प्रभावित हुईं और उन्होंने सिंघल को शाखा जाने की इजाजत दे दी। संघ में काफी समय तक सेवा देने के बाद उन्हें विहिप में भेज दिया गया। जहां 20 सालों तक वे अध्यक्ष रहे इसके बाद अतंरराष्ट्रीय संरक्षक बने।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement