नई दिल्ली: भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव मामले में एक बार फिर पाकिस्तान की कलई खुल गई है। आईएसआई के एक पूर्व अधिकारी रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अमजद शोएब ने स्वीकार किया है कि जाधव को ईरान में पकड़ा गया था। इसके बाद उन्हें वहां से बलूचिस्तान लाकर वहां से फर्जी गिरफ्तारी दिखाई गई। बता दें कि आईसीजे ने जाधव को मिली फांसी की सजा की तामील पर रोक लगाई थी और जाधव तक राजनयिक पहुंच देने के भारत के अनुरोध का समर्थन किया था। (ये भी पढ़ें: सर्जिकल स्ट्राइक पार्ट-2, देखिए कैसे 30 सेकेंड में सेना ने की पाकिस्तानी पोस्ट तबाह)
शोएब के इस दावे को लेकर ऐसा माना जा रहा है कि भारत इसे जाधव के बचाव के लिए अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में पेश कर सकता है। कोर्ट ने 18 मई को जाधव की फांसी पर रोक लगा दी थी। भारत का दावा है कि जाधव को ईरान से अगवा किया था। आईसीजे में भारत का दावा है कि जाधव नेवी से रिटायर होने के बाद कारोबारी सिलसिले में ईरान गया था और उसे वहीं से अगवा किया गया था।
कौन है पाकिस्तान में मौत की सजा पाए कुलभूषण जाधव?
कुलभूषण जाधव का जन्म 1970 में महाराष्ट्र के सांगली में हुआ था। उनके बारे में कहा जाता है कि वह मुंबई के एक रिटायर्ड एसीपी के बेटे हैं। इनके पिता का नाम सुधीर जाधव है। इन्होंने 1987 में नेशनल डिफेन्स अकैडमी में प्रवेश लिया तथा 1991 में भारतीय नौसेना में शामिल हुए। उसके बाद सेवा-निवृति के बाद ईरान में अपना व्यापार शुरू किया। उनके पास से जो कागजात बरामद हुए उनके मुताबिक वह मुंबई के रहने वाले हैं।
कुलभूषण को फुटबॉल का बड़ा शौक था, वो अक्सर पास के मैदान में दोस्तों के साथ फुटबॉल खेलते थे। कुलभूषण में शुरू से ही देशभक्ति की भावना थी और इसी वजह से उन्होंने नेवी ज्वाइन की, ताकि वो देश सेवा कर सके। वो हमेशा अपने दोस्तों को मिलिट्री में भर्ती होने के लिए प्रेरित करते थे।
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